बागमती नदी के बाढ़ के पानी से करीब दस हजार से अधिक घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। इससे तटबंध के निचले इलाके में रहने वाले लोग अपने घराें को छोड़कर तटबंध पर शरण लिए हुए हैं। ऐसे में प्रखंड स्तरीय अधिकारियों की लापरवाही भी सामने नजर आ रही है। जटमलपुर बांध पर रविवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां महादेव स्थान से लेकर परना ढाला तक लगभग 5 किलोमीटर में 500 से अधिक बाढ़ पीड़ित परिवार तटबंध पर शरण लिए हुए हैं।
इनके लिए सिर्फ एक ही सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है। एक दिन पूर्व ही डीएम ने अधिकारियों को प्रति 50 परिवार पर एक किचन की व्यवस्था कराने की बात कही थी। वहीं बांध पर इसकी व्यवस्था बीडीओ को करानी थी। जबकि जटमलपुर महादेव स्थान से पश्चिम 50 मीटर की दूरी पर एक सामुदायिक किचन खुला है। जबकि सामुदायिक किचन के समीप से 5 किलोमीटर दूर तक लोग तटबंध पर शरण ले रखे हैं।
जिन्हें यह भी पता नहीं है कि कहीं पर किचन खुला है। जटमलपुर बांध पर सीओ के निर्देश पर एक सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है। वहां मौजूद शिक्षक ने सीओ का पत्र दिखाया जिसमें सीओ ने तीरा विद्यालय के प्रधानाध्यापक को तीरा पंचायत को बाढ़ प्रभावित बताते हुए कुछ लोगों के लिए सामुदायिक किचन चलाकर भोजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 50 परिवार पर एक सामुदायिक किचन की व्यवस्था की बात थी। जहां प्रशासन की ओर से सामान उपलब्ध कराया जाता और लोग स्वंय खाना बनाते। पर कोई तैयार नहीं हुआ। ऐसे में इतने किचन चलाना संभव नहीं है। सब लोगों को भोजन मिलने लायक किचन चलाया जाएगा। वहीं कर्मचारी को सभी जगहों पर पन्नी बांटना है। इसकी व्यवस्था की गई है। -विनय कुमार राय, एडीएम।
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