कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पुलिसकर्मियों के लिए लगातार अलग अस्पताल और क्वारेंटाइन सेंटर की मांग की जा रही है वहीं पटना पुलिस कार्यालय में पटना पुलिस को समर्पित अस्पताल की हालत बदतर है। कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में पटना पुलिस के वरीय अधिकारियों ने यह दावा किया था कि पुलिस अस्पताल में 28 बेड का क्वारेंटाइन वार्ड बनाया जाएगा, जहां संक्रमित पुलिसकर्मी को भर्ती किया जाएगा।
14 दिनों तक उनके खाने और रहने की व्यवस्था होगी। लेकिन पुलिस अस्पताल में कोई जाना ही नहीं चाहता है। पटना पुलिस के 100 जवान और पदाधिकारी कोरोना की चपेट में हैं। इतना ही नहीं दो एसपी भी पॉजिटिव पाए गए हैं। लगातार मांग के बाद अदालतगंज स्थित एक स्कूल में पुलिस कर्मियों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया गया। लेकिन पुलिस अस्पताल की सुध नहीं ली गई।
पहले की जा चुकी है डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग
पुलिस अस्पताल में तीन डॉक्टर हुआ करते थे। दो डॉक्टर सालों पहले सेवानिवृत हो गए। वहीं अस्पताल की प्रभारी कल्पना मिश्रा बीमारी के कारण छुट्टी पर हैं। अब जवान और पदाधिकारी सिक लिव और रेस्ट तक लिखवाने इस अस्पताल में नहीं आते हैं।
वरीय अधिकारियों को दिया डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए अनुरोध पत्र
पुलिस अस्पताल में अविलंब डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति की जाए। वरीय अधिकारियों को इस बावत अनुरोध पत्र दिया गया है। डॉक्टर नहीं होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। -संदीप कुमार, पटना जिलाध्यक्ष, पुलिस मेंस एसोसिएशन
अस्पताल के दो डॉक्टर रिटायर हो चुके हैं और एक छुट्टी पर चल रही हैं। ऐसे में जिला प्रशासन और सिविल सर्जन से अनुरोध किया जाएगा कि वे किसी डॉक्टर को यहां प्रतिनियुक्त करें। -उपेंद्र शर्मा, एसएसपी, पटना
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