नियमित सरकारी और संविदा कर्मियों को बड़ी राहत देने वाली खबर है, उन्हें लॉकडाउन की अवधि का भी वेतन मिलेगा। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोना के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्य में एक बार फिर 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन लागू किया गया है। इस कारण से कार्यालय से अनुपस्थित रहने वाले नियमित सरकारी व संविदा कर्मियों को जुलाई का पूर्ण वेतन भुगतान करने का निर्णय सरकार ने लिया है।
संविदा व आउटसोर्स के तहत काम करने वाले कर्मियों को लॉकडाउन की अवधि का उनकी नियुक्ति की शर्तों के अधीन वेतन भुगतान पूर्व की तरह किया जाएगा। वैसे कर्मचारी जो प्रतिदिन लोकल ट्रेन से यात्रा कर सचिवालय आते थे, उन्हें लॉकडाउन अवधि में उपस्थिति में छूट दी गई है। इसके अलावा सरकारी कार्य से भ्रमण पर गए और लॉकडाउन लागू होने की वजह से मुख्यालय से बाहर फंसे कर्मियों को भी उपस्थित माना जाएगा।अनुमति लिए बिना गैर हाजिर कर्मचारियों को नहीं मिलेगा इसका लाभउपमुख्यमंत्री ने बताया कि वैसे कर्मी, जो विधिवत मुख्यालय छोड़ने की अनुमति लेकर अथवा अवकाश स्वीकृत करा कर लॉकडाउन से पहले बाहर गए और लॉकडाउन की घोषणा के कारण सामान्य परिवहन का साधन नहीं मिलने से अगर मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो सके, तो उन्हें भी उपस्थित माना जाएगा।
मगर बिना अवकाश स्वीकृत कराए और अनुमति लिए मुख्यालय से बाहर रहने वाले कर्मियों को मुख्यालय वापस आने और नियमानुसार अनुमान्य अवकाश स्वीकृत कराने के बाद ही लॉकडाउन अवधि का वेतन भुगतान किया जाएगा। लॉकडाउन अवधि में अपने निर्धारित मुख्यालय में उपस्थित रहने वाले वैसे सभी कर्मियों को जो भले ही प्रत्येक कार्यदिवस को निर्धारित अवधि में कार्यालय में उपस्थित नहीं रहे हों, को वेतन का भुगतान किया जाएगा।
यमराज की दूत बन गई रामराज्य और राममंदिर की विरोधी कांग्रेसउपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि रामराज्य और राममंदिर की विरोधी कांग्रेस यमराज की दूत बन गई है। उन्हाेंने गुरुवार को ट्वीट किया- बिहार सरकार ने कोरोना को हराने पर 8538 करोड़ खर्च कर मृत्यु दर को 0.7 फीसदी पर रोक लिया। 12 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में केवल 220 नागरिकों को बचाया नहीं जा सका। दूसरी तरफ कांग्रेस शासित राजस्थान में 2000 करोड़ और पंजाब में मात्र 106 करोड़ रुपए कोरोना महामारी से लड़ने पर खर्च हुए।
इन राज्यों में क्रमश: 576 और 466 से ज्यादा जिंदगियां काल के गाल में समा गईं। महाराष्ट्र में मौत का आंकड़ा 13 हजार के पास पहुंच रहा है। बिहार में अगर कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, तो इससे बचाव, जांच, क्वारेंटाइन सेंटर और इलाज का दायरा भी बढ़ा है। कहा- स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जब कोविड अस्पताल का निरीक्षण कर रहे हैं, तब राजद नेता सुरक्षित कमरों में बैठकर केवल मनोबल गिराने वाले ट्वीट कर रहे हैं।
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