बिहार के अररिया में शराब तस्करों ने तस्करी का नया तरीका खोज निकाला है। भारत और नेपाल के बीच तनाव के बावजूद ये तस्कर रात में सीमा पार से नशीली दवाओं की तस्करी करते हैं। इन तस्करों ने एक ऐसे घर पर कब्जा कर रखा है, जिसकी खिड़की नो मैंस लैंड पर खुलती है और दरवाजा नेपाल की तरफ। इसी घर की मदद से तस्कर लगातार नशीली दवाएं भारत में सप्लाई कर रहे हैं।
भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा रहने के कारण और नोमैंसलैंड पर अतिक्रमण कर लिए जाने की वजह से जोगबनी में सीमा स्तंभ संख्या 180/68 का इलाका तस्करी सहित अन्य गतिविधियों के लिए मुफीद साबित हो रहा है। नेपाल की एक झोपड़ी से तस्कर हाथ में नशे की सामग्री की बोरी लेकर आसानी से भारतीय क्षेत्रों मे प्रवेश कर जाता है। कुलदीप स्मारक के मात्र 10 कदमों की दूरी पर नेपाल हाता स्थित एक दुकान वाले घर में इस प्रकार खिड़की बनाई गई है कि रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला, जब एसएसबी का गश्ती वाहन पहुंचता है तब घात लगाए तस्कर आसानी से इसी खिड़की से सामान लेकर चलते बनते हैं।
इस्लामपुर में तो सिर्फ नाला ही सीमा चिह्न
जोगबनी शहरी क्षेत्र व आसपास मिलाकर लगभग 3 किलोमीटर का सीमाई क्षेत्र है। अररिया जिले में लगभग 90 किलोमीटर नेपाल की सीमा है। इसमें 75 से 80 किमी सीमा खुली हुई है। तस्करों के लिए यह सबसे आसान मार्ग है। जोगबनी से सटे इस्लामपुर में तो सिर्फ एक नाला ही भारत नेपाल के बीच सीमा चिह्न बन गया है। भारतीय क्षेत्र के इस्लामपुर में लोग सुबह उठकर पहली चाय नेपाल में जाकर पीते हैं।
इस्लामपुर में एक ईंट सोलिंग भी है जहां तस्कर घूमते रहते हैं। यहां से भी आसानी से शराब,नशीली दवाई, सुई और अन्य सामग्री नेपाल से भारत और भारत से नेपाल पहुंचाते हैं। वहीं भेरियारी बॉर्डर, टिकुलिया, दरिया बस्ती, अमरवा फार्म,तेलियारी, पुराना जोगबनी वाले इलाके में खेत खलिहान के रास्ते ही तस्करी होती है।
लोग इलाज के लिए नहीं जा पा रहे
सीमा होकर आसपास के लोगों की आवाजाही बंद है। सीमा से सटे नेपाल के विराटनगर में करीबन आधा दर्जन नामी-गिरामी हॉस्पिटल है। जहां रोज हजारों की संख्या में भारतीय इलाज के लिए जाते हैं। लेकिन, दोनों ओर की सीमा सील होने के कारण एक भी मरीज इलाज के लिए नेपाल नहीं जा पा रहा। विराटनगर के अस्पतालों का प्रतिदिन लाखों का कारोबार ठप पड़ गया है। पर, खेत खलिहान और खिड़किनुमा रास्ते से तस्कर अपने काम जरूर कर रहे हैं।
शाम ढलते ही सीमा पर होने लगती है शराब की तस्करी
बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद नेपाल से सीमावर्ती क्षेत्रों मे शाम ढ़लते ही शराब तस्करों की खूब चांदी कट रही है। सीमावर्ती क्षेत्र जोगबनी का इंद्रानगर, कुर्साकांटा का सोनामणी गोदाम और वीरपुर से सटे बेला बसमतिया मे रात के अंधेरे मे खुली सीमा होने की वजह से शराब की तस्करी मे लिप्त लोग खुलेआम शराब को सीमापार करने में लग जाते हैं।
तस्करी रोकने के लिए एसएसबी जवान सक्रिय
^नोमेन्स लेंड पर अतिक्रमण को हटाने के लिए एसएसबी प्रयासरत है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों को भी लिखित सूचना दी गई है। जहां तह तस्करी को रोकने की बात है तो उनके जवान दिन रात सक्रियता बरत रही है। -बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडेंट 52 वी बटालियन
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