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कोरोना संदिग्ध समझ डॉक्टर ने नहीं किया युवक का इलाज, मौत के बाद परिजनों ने नदी में फेंका शव https://ift.tt/32ToGSM

बिहार के सहरसा में कोरोना के डर से डॉक्टर ने एक युवक का इलाज करने से मना कर दिया। घरवालों ने फोन कर सरकारी एम्बुलेंस बुलाई, पर उसके पहुंचने से पहले ही युवक की मौत हो गई। युवक के परिजनों ने भी कोरोना के डर से इसका शव नदी में बहा दिया। जबकि गांव के कुछ लोगों का कहना था कि उसकी मौत सांप के काटने से हुई है।

सहरसा जिले के दुर्गापुर गांव में कोरोना के डर ने एक युवक की जान ले ली। 22 साल का दिलवर शुक्रवार को अचानक बेहोश होकर गिर गया। परिजन उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले गए। पर, डॉक्टर ने कोरोना संदिग्ध समझकर उसका इलाज करने से मना कर दिया। परिजनों ने फोन कर सरकारी एम्बुलेंस की मदद मांगी। लेकिन, एम्बुलेंस पहुंचने से पहले ही दिलवर की मौत हो गई। दिलवर की मौत के बाद उसके परिजन उसका शव ट्रैक्टर में लादकर झिटकिया घाट पर ले गए। यहां उसके 2 साल के बेटे से मुखाग्नि दिलवाई और शव को नदी में बहा दिया।

दिलवर के शव को ट्रैक्टर में लादकर घाट ले जाते परिजन।


दिल्ली से लौटा था युवक, खराब थी तबियत
दिलवर डेढ़ महीने पहले दिल्ली से आया था। उसकी तबियत पहले से खराब थी। उसकी मौत को लेकर गांव के कई लोगों का कहना है कि दिलवर को सांप ने काटा था और इसी वजह से उसकी मौत हुई है।

मृतक के परिजनों का होगा स्वाब जांच
^मृतक के सभी परिजनों को स्वाब जांच हेतु भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह कहा जा सकता है कि उपरोक्त युवक की मौत कोरोना से हुई थी।
उपेंद्र कुमार तिवारी, सीओ



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मुखाग्नि की रस्म के बाद दिलवर के शव को नदी में फेंक दिया गया।


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