मायागंज अस्पताल के बिगड़े ढर्रे में शुक्रवार रात गायनी आईसीयू में भर्ती बूढ़ानाथ की 55 वर्षीया निर्मला देवी की जान चली गई। उसकी सांसों को संभाल रहा वेंटीलेटर रात 8.55 बजे बिजली गुल होने से बंद हो गया। 10 मिनट तक जनरेटर ऑन नहीं हुआ और वेंटीलेटर को बैकअप देने वाली बैट्री न होने से मौत हो गई। इस मौत ने अस्पताल प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जनरेटर ऑपरेट करने वाली एजेंसी संचालक संजीव कुमार सिंह ने मौत पर खेद जताया है। उनका कहना है कि हम तुरंत जनरेटर चलाते हैं। गार्ड मेन स्विच उठाता है। वह कहीं गया होगा। इधर, अस्पताल प्रबंधन ने जांच और कार्रवाई के दावे किए हैं।
लेकिन सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या लाइफ सेविंग इक्वीपमेंट की निगरानी और मेंटेनेंस तक नहीं हो रही? इस मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है? महिला को शुक्रवार सुबह 9 बजे इमजरेंसी में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसेे आईसीयू में शिफ्ट किया। उसे सीपैप वेंटीलेटर पर डाला तो सेहत सुधरने लगी। रात 8.55 बजे बिजली कटी तो मशीन डाउन हो गई। परिजन उसे उठाकर दूसरे बेड पर ले गए, जहां सीधी ऑक्सीजन सप्लाई थी, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि जनरेटर समय पर नहीं चला तो नर्स-गार्ड को ढूंढ़ा पर कोई नहीं मिला। उनका यह भी आरोप है कि वेंटीलेटर को बैकअप देने वाली बैटरी तक नहीं थी।
पूरी जानकारी अधीक्षक डॉ. एके भगत को दी है। उन्होंने कहा है कि जनरेटर से ऑक्सीजन का कनेक्शन नहीं है। मशीन की बैट्री नहीं थी तो जांच होगी। एजेंसी पर कार्रवाई भी करेंगे। - डॉ. कमार गौरव, प्रभारी अधीक्षक, मायागंज अस्पताल
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