बाढ़ के पानी और गंदगी के बीच उसका सेवन करने वालों को डायरिया से बचाव जरूरी है। हालांकि इक्का-दुक्का डायरिया की शिकायते मिल रही है मगर स्वास्थ्य विभाग सचेत नहीं हुआ तो बाढ़ प्रभावित इलाकों में यह बीमारी कई गांव मोहल्लों को आक्रांत कर सकता है। इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में सिविल सर्जन कार्यालय में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की बैठक हुई।
इसमें 16 से 29 सितंबर तक चलने वाले संघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा व विटामिन ए 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को पिलाई जाने वाली को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इस बार 5 लाख बच्चों को पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। आशा कार्यकर्ता सभी घर-घर जाकर विटामिन ए, ओआरएस व जिंक की टैबलेट का वितरण करेगी।
इसके लिए सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी से 10 सितंबर तक माइक्रो प्लान मांग की गई है। सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा में स्वास्थ्य केंद्रों पर जिंक, ओआरएस, कॉर्नर बनाया जाएगा। जहां पर ओआरएस व जिंक का प्रतिदिन वितरण किया जाएगा।
बच्चे को 14 दिनों तक मिलेगी जिंक का टैबलेट
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अमरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता इस पखवाड़ा के दौरान घर-घर जाकर 5 साल से छोटे बच्चे को एक पैकेट ओआरएस देगी। वहीं जहां के बच्चे को डायरिया है, वैसे बच्चे को 14 दिनों के लिए जिंक का टैबलेट दिया जाएगा।
इसके लिए सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता को 10 सितंबर तक प्रशिक्षण पूरा करने का निर्देश दिया है। मॉनिटरिंग के लिए कार्य योजना तैयार कर लिया गया है। स्वास्थ्य से जुड़े पदाधिकारी को क्षेत्र का निर्धारण भी कर दिया गया है।
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