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कमाई मात्र एक कराेड़ प्रतिमाह, वेतन के लिए चाहिए 3 कराेड़, विकास कैसे हो! https://ift.tt/3hHxmjY

स्मार्ट सिटी में नगर की सरकार पिछले पांच महीने से बिना बजट के ही चल रही है। अब शहर के विकास का काम निगम के आंतरिक स्राेत पर ही टिका हुआ है। हर माह निगम में ढाई से तीन कराेड़ रुपए खर्च है। लेकिन आंतरिक स्राेत से कमाई महज एक कराेड़ रुपए मुश्किल हाे रही है। ऐसे में निगम की व्यवस्था डगमगा गई है। हालत यह है कि निगम प्रशासन फंड का राेना राे रहा है।

ऐसी स्थिति में शहर में छाेटे काम कराने में ही निगम लाचार नजर आ रहा है। ऑटाे ट्रिपर सर्विस सेंटर में रिपेयर हाेने के लिए भेजे गए हैं। लेकिन फंड की कमी का बहाना बना कर उसकी मरम्मत नहीं कराई जा सकी है। दर्जनभर ऑटाे ट्रिपर के बेस में छेद हाे गया है। फिर भी अभी तक उसी से काम चलाया जा रहा है।

ठेला रिपेयरिंग, झाड़ू, कुदाल, ब्लीचिंग पाउडर, चूना तक की खरीद नहीं हाे पा रही है। डाेर-टू-डाेर कूड़ा उठाव नहीं हाे रहा है, समय से कबीर अंत्येष्टि याेजना तक की राशि नहीं मिल रही है। मजदूराें काे समय से वेतन नहीं दिए जा रहे हैं।

हिसाब-किताब में फंसा है निगम बजट
बता दें कि हर दिन दाे से तीन लाख रुपए ही टैक्स कलेक्शन हाे रहा है। यही वजह है कि विकास के लिए तय राशि नहीं रहने से पांच महीने में एक भी नयी याेजना नहीं बनी और न ही सामान्य बाेर्ड की बैठक हाे सकी। नगर आयुक्त व मेयर के बीच पिछले तीन साल के खर्च के हिसाब-किताब काे लेकर रार अब भी बरकरार है।

इसका साइड इफेक्ट यह है कि छाेटे-छाेटे कामाें के लिए पार्षदाें काे निगम की ओर टकटकी लगाए रहना पड़ रहा है या अपनी जेब से खर्च कर काम करना पड़ता है। फरवरी से शुरू हुई तकरार रार अगस्त में भी चल रही है। अब पार्षदाें का भी दबाव मेयर व नगर आयुक्त पर है।

पार्षद अपनी जेब से ठीक करवा रहे ठेला
वार्ड 14 के पार्षद अनिल पासवान कहते हैं कि बजट पास नहीं हाेने से हमें ठेला तक अपनी जेब से बनवाना पड़ रहा है। इसके अलावा ठंड में कंबल बांटने का निर्णय भी बजट में पेश किया जाता है। महीने भर बाद विधानसभा चुनाव काे लेकर आचार संहिता लागू हाे जाएगा ताे बैठक फिर टल जाएगी। इसलिए मेयर काे बैठक बुलाना चाहिए। वार्ड 32 के पार्षद हंसल सिंह कहते हैं कि बजट पास करने में जाे देरी हाे गयी साे हाे गयी, लेकिन अब बिना देर किए किसी पार्क में खुले जगह में बजट की बैठक की जाए। ताकि साेशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन हाे और विकास कार्य भी न रूके।

  • मेयर काे अब इस पचड़े में अभी नहीं पड़ना चाहिए और बजट पेश करना चाहिए। अब बजट पेश नहीं हाेगा ताे कब हाेगा। आचार संहिता भी अब लागू हाेनेवाला है। बजट आवश्यक प्रक्रिया है, इसके बिना काम प्रभावित हाेता है। -डाॅ. प्रीति शेखर, पू्र्व डिप्टी मेयर
  • नगर आयुक्त की ओर से जल्द बजट की बैठक के लिए मेयर काे पत्र दिया जाएगा। उनकी ओर से तारीख तय हाेने पर बैठक बुलायी जाएगी। -सत्येंद्र प्रसाद वर्मा, पीआरओ, निगम
  • बजट पेश करने के लिए मेयर से बात हुई है। आय-व्यय का हिसाब हमलाेगाें ने मांगा है, वह जल्द मिल जाएगा, इसके बाद बैठक हाे जाएगी। -राजेश वर्मा, डिप्टी मेयर
  • आय-व्यय का हिसाब-किताब मांगे हैं, मिलने के बाद बैठक करके बजट पास कर देंगे। यह ताे नगर आयुक्त काे तय करना है, हमने ताे अपनी ओर से कहा है कि बैठक हाे पर पार्षदाें की भी मांग है कि आय-व्यय का लेखा-जाेखा नगर आयुक्त प्रस्तुत करे। -सीमा साह, मेयर


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मरम्मत नहीं होने से निगम के गाेदाम में खराब पड़े ऑटाे ट्रीपर।


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