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मशरक में कर्णकुदरिया गोलंबर के पास पहले सड़क टूटी, 6 घंटे बाद पुल भी बह गया, 10 पंचायतों में बाढ़ https://ift.tt/3hW1wQ9

गंडक नदी में जलस्तर खतरा से ऊपर बह रहा है। गंडक बराज से लगातार पानी डिस्चार्ज किये जा रहे है। शुक्रवार को दो लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। लिहाजा सारण जिले के पानापुर,तरैया और उससे जुड़ करीब सात प्रखंडों में अब तक आये बाढ़ का रिकार्ड टूट गया है। पानापुर में इतना ज्यादा पानी कभी नहीं आया था। जिस कारण जहां कभी पानी नहीं पहुंचा था वहां भी प्रवेश कर गया है। शुक्रवार को मशरक में बाढ़ के पानी से कर्णकुदरिया गोलंबर से पानापुर मुख्य पथ गोलंबर पुल के पास टूट गया। उसके ठीक छह घंटे बाद पानी के दबाव के कारण पुल ही बह गया।

लिहाजा मशरक के 10 पंचायतों में पानी घुस गया है। अब भी कई जगहों पर पुल और सड़क पर टूटने का खतरा बरकरार है। सड़क संपर्क भंग होने से अरना पंचायत के अरना, बलुआ, बारोपुर, छपिया, कवलपुरा पंचायत एवं बंगरा पंचायत का मशरक प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। 10 पंचायत में बाढ़ के उफनते पानी से हजारों घर डूब चुके हैं। हजारों लोग ऊंचे स्थानों या सड़क के किनारे रहने को मजबूर हो गए हैं। वही कर्ण कुदरिया व चांद कुदरिया पंचायत के सभी वार्ड पहले से ही जलमग्न है।
पानापुर प्रखंड में आई बाढ़ अबकी बार इतिहास रच रही है। जिन इलाकों में अभी तक कभी बाढ़ का पानी नहीं आया था, वहां भी बाढ़ पहुंच गया है। लिहाजा अब तक का सारा रिकार्ड टूट गया है। तरैया राजद विधायक मुद्रिका प्रसाद राय ने बाढ़ प्रभावित इलाके में हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाने की मांग सरकार से की।

सीवान: 90 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, जलजमाव से आवागमन ठप
लकड़ी नबीगंज प्रखंड के गांवों में जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे कुमकुमपुर पंचायत का बड़वा कलां, मठिया, हुसेपुर, सरेया श्रीकांत, सिपाह, गंगा बाबा के मठिया, रामपुर रोड, बसंतपुर मुख्यालय सहित विभिन्न गांवों में बाढ़ के पानी से लोगों की समस्याएं चरम पर पहुंच गई हंै। बताते चलें कि पिछले 4 दिनों से आई बाढ़ के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रखंड के लगभग सभी गांवों में पानी भर गया।

मोतिहारी: शहर में जमा है बाढ़ और बारिश का पानी, महामारी की आशंका

पिछले एक सप्ताह से जिले में रुक-रुककर हो रही बारिश ने शहर के कई मोहल्लों में नारकीय स्थिति उत्पन्न कर दी है। शनिवार को दिन भर लगातार हो रही बारिश के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है। सड़कों पर जलजमाव, लोगों के घरों में पानी, नालियों से उठते सड़ांध के बीच शहरवासियों की फजीहत झेलनी पड़ रही है। आलम यह है कि शहर का अधिकांश हिस्सा बारिश व बाढ़ के कारण जलमग्न है। सदर अस्पताल, पोस्ट ऑफिस, जिला स्कूल आदि में अभी भी दो फीट से ज्यादा पानी लगा हुआ है।

पूर्णिया: दर्जनों घर नदी में कट गए, बैसा में 50 एकड़ फसल बह गई

बायसी अनुमंडल क्षेत्र में नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण से लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। महानंदा एवं कनकई नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण क्षेत्र के निचले हिस्सों में पानी फैलने के साथ-साथ कई जगहों पर नदी कटाव काफी तेज हो गया है। प्रखंड क्षेत्र में ताराबाड़ी पंचायत के चनकी गांव में कनकई नदी में कटाव काफी तेज हो गया है। कटाव के कारण से दर्जनों घर नदी में समा चुके हैं। बैसा प्रखंड के रायबेर पंचायत के काशीबाड़ी गांव में कनकई नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। 50 एकड़ से ज्यादा फसल नदी में विलीन हो चुकी है।

मधुबनी: नेपाल में भारी बारिश के कारण नदियाें में फिर आया उफान

नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र सहित प्रखंड क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से मूसलाधार एवं झमाझम बारिश हुई है। इस दौरान हमेशा आसमान में काले बादल छाए रहे। वहीं,अधवारा समूह की धौस, यमुनी, सिमरा, रातो, मरहा नदियों के जल स्तर में काफी वृद्धि हो गई है और एक बार फिर इन नदियों में पुनः बाढ़ आ गई है। साथ ही धौस एवं रातो नदी के टूटे तटबंधों एवं लो लैंड वाले स्थलों से बाढ़ का पानी नदी से बाहर निकल कर खेतों एवं सड़कों पर फैलने लगा है। गत 9 जुलाई के बाद छह बार इन नदियों में बाढ़ आई है।

समस्तीपुर: 18 घंटे में 23 सेंटीमीटर बढ़ 48.50 मी. पहुंचा बूढ़ी गंडक का पानी

बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ती ने समस्तीपुर शहर में हाईअलर्ट जैसी स्थिति बना दी है। पिछले 11 दिनों से नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। बीते 18 घंटों में नदी का जलस्तर 23 सेंटीमीटर बढ़कर 48.50 मीटर हो गया, जो खतरे के निशान से 2.77 मीटर ऊपर है। शहर में प्रवेश करने को लेकर मगरदही घाट व धरमपुर पुल के पास मौजूद गुमटी के निकट खतरा बना हुआ है। मगरदही रेलवे पुल पर पानी का दबाव बढ़ने व रेलवे पुल का गर्डर पानी में सटने पर प्रशासन ने पुराने पुल व लाइन की घेराबंदी करा दी है।



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The first road near Karnakudariya Golambar in Mashark was broken, the bridge was also washed away after 6 hours, flooding of 10 panchayats


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