स्थानीय गड़हनी प्रखंड के बगवां के खेतों में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है। धान का पौधा एक माह से अधिक समय से पानी में पूरी तरह डूबा हुआ है। किसानों द्वारा लघु सिचाई विभाग, सीओ से गुहार लगाने के बाद भी पानी निकास की व्यवस्था नहीं हुई है। गांव मे जल निकासी स्रोत पूरी तरह बंद है। किसानों के अनुसार जुलाई के पहले सप्ताह में धान का पौधरोपण किया गया था।
अचानक तेज बारिश होने के बाद खेत जलमग्न हो गया। जिससे पौधा खराब हो गया। कुछ दिन बाद फिर से पौधे रोपे गए। जिसके बाद लगातार पानी जमे होने से पौधा सड़ गया है। अब किसानों को चिंता सता रही है कि पानी की निकास होने के बाद भी धान नहीं रोपे जा सकते। अब धान का पौधा आएगा कहां से! बगवां आहर का जलनिकासी करने के लिए दो स्रोत है।
जिसे कुछ लोगों द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है। जलजमाव और पौधे खराब होने की समस्या कमोबेश पिछले वर्ष भी हुई थी। किसानों ने सड़क जाम कर निजात दिलाने का मांग किया था। लेकिन किसी ने समस्या का स्थायी समाधान नहीं हुआ।
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