कहानियों का मकसद सिर्फ मनोरंजन करना नहीं होता है। कुछ कहानियां तो जीवन में बड़े सकारात्मक बदलाव ले आती हैं। कुछ कहानियों ने मेरे भी जीवन को प्रभावित किया है। एक छोटी सी कहानी। बात उस समय की है जब अफ्रीका में हीरे खोजे जाने की होड़ लगी थी। एक छोटा किसान जिसके पास एक ही जमीन का छोटा टुकड़ा था, वह जल्दबाजी में बड़े सस्ते भाव में अपनी जमीन को बेचकर हीरे की तलाश में जंगल की ओर चल पड़ा। कुछ समय बाद जब उसे हीरा नहीं मिला तब वह निराश हो गया। निराशा इतनी बढ़ गयी कि उसने एक नदी में कूद कर अपनी जान दे दी। उसके थोड़े ही दिनों बाद जिस व्यक्ति ने किसान से जमीन खरीदी थी, उसने उसी खेत में काम करते वक्त एक चमकीले पत्थर को देखा। उसने जब बड़े गौर से उस पत्थर को देखा तब पाया कि वह हीरा है। फिर उसने पूरी जमीन खोद डाली और उसे जमीन के नीचे एक हीरे की खान मिली। इस कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
इस बात का हमेशा खयाल रखना होगा कि आपकी सबसे बड़ी पूंजी आप ही हैं। सफल होने के लिए सभी गुण और क्षमताएं एक मनुष्य में ही निहित होती हैं। सफलता के शिखर तक पहुंचने की ताकत सिर्फ आप में ही है। बावजूद इसके इंसान भटकाव का शिकार हो जाता है। दूसरों से ज्यादा उम्मीद करने लगता है और अंतत: निराश भी हो जाता है। एक इंसान के लिए उसका दिमाग ही उसकी सबसे बड़ी ताकत होता है। अगर आप अपने दिमाग का सकारात्मक इस्तेमाल करेंगें तब कुछ भी संभव हो सकता है।
दिमाग को तेज बनाए रखने के लिए वहां तक ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचना बहुत ही जरूरी होता है। और यह तभी संभव है जब आप कसरत करेंगे। मेरी राय से आप जिस भी उम्र में हों आपको थोड़ा व्यायाम जरूर करते रहना चाहिए। इसके बहुत फायदे हैं। साथ ही साथ जिस विषय को लेकर आप आगे बढ़ रहे हों, उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचते रहें। जितना आप सोचेंगे उतनी ही आपकी सोचने कि क्षमता बढ़ेगी। आप समझने का प्रयास करें कि आपके लिए सफलता का अर्थ क्या है। सफलता का अर्थ सब के लिए एक सामान नहीं हो सकता है। ओलिंपिक में मेडल जीतने की तैयारी करने वाले और दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करने वाले के लिए सफलता का अर्थ अलग-अलग होता है।
फिर भी, मैंने अभी जिस कहानी की बात की, उससे यही सीख मिलती है कि सबसे पहले यह समझना चाहिए कि हमारी ताकत क्या है। उसी अनुसार हम लोगों को भविष्य की योजना बनानी चाहिए। यह निश्चित है कि सबसे बड़ी ताकत होती है सोचने की क्षमता। और सोचने की क्षमता स्वस्थ दिमाग में ही विकसित होती है। आपके दिमाग में जितने नए विचार आएंगे उतना ही अधिक सोचने के लिए आप प्रेरित होंगे। सेमिनार और आज के इस कोरोना वायरस के संकट के दौर में वेबिनार में भाग लेते रहने से आपको नए विचारों से अवगत होने के मौके मिलते रहेेंगे। अगर आपको थोड़ा खर्च भी करना पड़े तब संकोच न करें। अच्छी किताबें जितना हो सके जरूर पढ़ें। अच्छे लेक्चर्स की सीडी खरीदें और जब भी मौका मिले उन्हें सुनें।
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