उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद-कांग्रेस की सरकार ने 23 साल तक बिहार में पंचायतों का चुनाव नहीं कराया। 23 साल बाद 2003 में चुनाव कराया तो एकल पदों पर दलितों, पिछड़ों व महिलाओं को आरक्षण से वंचित कर उनकी हकमारी की।
एनडीए की सरकार आने के बाद इन्हें आरक्षण दिया गया, नतीजतन आज हजारों की संख्या में पिछड़ा, अतिपिछ़ड़ा और महिलाएं एकल पदों पर चुनाव जीत कर आ रही हैं। वह रविवार को भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति के वर्चुअल सम्मेलन को संबाेधित कर रहे थे।
उन्हाेंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जिसने मुखिया व राज्य के 1.14 लाख वार्ड सदस्यों के संयोजकत्व में नल-जल व नली-गली जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है। कार्यक्रम को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, विधान पार्षद रजनीश कुमार, दिलीप जायसवाल ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता ओमप्रकाश भुवन ने की।
एनडीए के शासन में पंचायतों में मिला आरक्षण
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि एनडीए सरकार ने प्रशासन के विकेंद्रीकरण के लिए बिहार में पंचायती राज में अनुसूचित जाति, जनजाति व महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की। बिहार में ग्राम-कचहरी की व्यवस्था की गयी है। आज बिहार ने महिला आरक्षण के जरिए न सिर्फ पंचायतों को बल्कि, महिलाओं को भी सशक्तीकृत किया है।
जिस राज्य में पहले महिलाओं को कुछ बोलने की आजादी नहीं थी, वे आज पूरे पंचायत के फैसले ले रही हैं, निर्णय कर रही हैं, विकास की योजनाएं बना रही हैं। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता केंद्र व राज्य सरकारों के कल्याणकारी व विकास कार्यों को आम लोगों के बीच ले जाएं।
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