Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

भागलपुर की महज पांच बिल्डिंग में लगा वाटर हार्वेेस्टिंग सिस्टम, इस बारिश 1.89 करोड़ लीटर पानी हुआ बर्बाद https://ift.tt/2ZaXv3j

शहर से जलसंकट दूर करने के लिए नगर निगम ने डेढ़ साल पहले सभी बड़े मॉल व अपार्टमेंट में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की जो योजना शुरू की, वह ठंडे बस्ते में चली गई। निगम अब तक महज पांच बड़ी इमारतों में ही यह सिस्टम लगवा सका। इनमें भी एक बिल्डिंग में खुद डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने यह सिस्टम लगाया। बाकी इमारताें में इस सिस्टम को लगाने की शुरुआत तक नहीं हुई।

नतीजा, इस बार बारिश के पानी को बचाने की कवायद नहीं हो सकी। हालांकि इस बार अच्छी बारिश से जलसंकट का सामना नहीं हुआ, लेकिन बारिश का पानी बचाने की पहल होती तो 54 इमारतों से तकरीबन 1.89 करोड़ लीटर पानी बच जाता। इससे आधे शहर को तकरीबन दो दिन तक पीने का पानी मिल जाता। लेकिन निगम ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। नतीजा, करीब दो करोड़ लीटर पानी इस मानसून नालों में बह गया।
दरअसल, शहर की 54 बड़ी इमारत, अपार्टमेंट व माॅल में पानी रोकने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की तैयारी की गई। विशेषज्ञ सजल वास्तव की माने तो 5 हजार वर्गमीटर में बने मकान की छत से पांच लाख लीटर पानी एक साल में जमीन में पहुंचाए जा सकते हैं। इसके अनुसार, उक्त 54 इमारतों की छतों का आकार औसतन 3500 वर्गमीटर की दर से एक साल में 3.50 लाख लीटर पानी एक इमारत से बचाया जा सकता है। इसके अनुसार 54 इमारतों से एक साल में 1.89 करोड़ लीटर बारिश का पानी बच जाता।

बरारी वाटर वर्क्स से रोज 11 एमएलडी मिलता है पानी
बरारी वाटर वर्क्स से आधे शहर की जरूरतों को पूरा करने के लिए रोज 11 एमएलडी यानी 1.10 करोड़ लीटर पानी सप्लाई किया जाता है। ऐसे में उक्त 54 इमारतों की छतों से बहे 1.89 करोड़ लीटर पानी से आधे शहर की प्यास दो दिनों तक बुझाई जा सकती थी। लेकिन निगम की लापरवाही से ऐसा नहीं हो सका।

निगम ने थमाया सिर्फ नोटिस
अब तक निगम प्रशासन ने सभी टैक्स कलेक्टराें से सर्वे करवाए। अपार्टमेंट व बड़े माॅल संचालकाें काे नाेटिस भेजा। लेकिन उनके जवाब के बाद क्या कार्रवाई की और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम क्यों नहीं लगा? इसका जवाब जिम्मेदारों के पास नहीं है।

टैक्स दारोगा बदलते ही सर्वे भी गायब
तात्कालीन टैक्स दाराेगा जयप्रकाश यादव के पास ही टैक्स कलेक्टर सर्वे के बाद रिपाेर्ट जमा करते थे। उनके तबादले के बाद नए टैक्स दाराेगा प्रदीप कुमार झा आए, लेकिन उनके पास सर्वे संबंधी कोई जानकारी नहीं है।

इन इलाकों में हैं बड़े बिल्डिंग
भीखनपुर, रेलवे स्टेशन राेड, तिलकामांझी, खलीफाबाग चाैक, पटल बाबू राेड, गाेशाला राेड, अादमपुर, माणिक सरकार, मिरजानहाट, अलीगंज राेड, काेतवाली राेड।

करीब 54 बड़े बिल्डिंग का सर्वे हुआ था। उसमें 4-5 लाेगाें ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया था। बाकी ने नहीं लगाया है। यदि लगाया भी हो तो इसकी रिपोर्ट हमारे पास नहीं है। एक बार फिर से सिस्टम लगवाने के लिए मुहिम शुरू करेंगे। -सत्येंद्र प्रसाद वर्मा, पीआरओ, निगम



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
System was installed in only five buildings, this rain was 1.89 crore liters of water wasted


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3h2l98m

Post a Comment

0 Comments