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पटना के छह फीसदी लोगों में ही बनी काेराेना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी, जिले में मिले 295 काेराेना मरीज, 7 की मौत https://ift.tt/34hMq2n

(अजय कुमार सिंह) पटना जिले में छह फीसदी लोगों में ही कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बन पाई है। 2756 लोगों की जांच में 167 लोगों में ही यह पाई गई है। जिले में कितने लोगों में एंटीबॉडी बन पाई है, इसका पता लगाने के लिए सीरो सर्विलेंस कराया गया। यानी एंटीबॉडी की जांच कराई गई। इसके लिए 60 टीमें बनाई गई थीं।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 30-30 टीमें बनाई गई थीं। हर टीम को 52 लोगों का सैंपल लेना था। इसमें विभिन्न उम्र के लोगों को शामिल किया गया। इस दौरान 3120 लोगों का सैंपल लिया गया। इसके लिए उन इलाकों का चयन किया गया था, जहां कोरोना के अधिक मरीज मिले थे।

इसके अलावा स्लम में रहने वालों का भी चुनाव किया गया था। 53 टीमाें द्वारा लिए गए 2756 लोगों के सैंपल की जांच रिपोर्ट आ गई है। इसमें 167 लोगों में पाया गया कि उनमें एंटीबॉडी डेवलप हुई है। यानी सिर्फ छह फीसदी लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डेवलप कर पाई है।

इसकी पुष्टि डीआईओ डॉ. एसपी विनायक ने की। उन्होंने बताया कि अभी सात टीमाें की रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने भी माना कि अधिकतर लोगों में अभी एंटीबॉडी नहीं बन पाई है। इसलिए अभी सावधानी बरतने की जरूरत है। पटना शहर के 30 वार्ड और ग्रामीण इलाके के 30 ब्लॉक में सीरो सर्विलेंस चलाया गया था।

विशेषज्ञों ने जताई चिंता, कहा-प्रकाेप बढ़ने की आशंका, अभी बचाव करना जरूरी
वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इस रिपाेर्ट पर चिंता जताई है। ऐसी स्थिति में सावधानी नहीं बरती गई तो कोरोना का प्रकोप बढ़ने की आशंका रहेगी। विशेषज्ञों की मानें तो कम से कम 30 से 40 फीसदी लोगों में यदि एंटीबॉडी बन जाए तो कोरोना का इंसीडेंस रेट कम हो जाता। पर महज छह फीसदी लोगों में ही एंटीबॉडी डेवलप हाे सकी है।

वह भी उन इलाकों में जहां कोरोना के अधिक मामले मिले थे। ऐसी स्थिति में संक्रमण बढ़ने का खतरा रहेगा। इसलिए इन इलाकों में कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतनी होगी। इसके अलावा बचाव के लिए जितने उपाय हैं, किए जाने चाहिए।

ग्रामीण इलाके में यहां से लिए गए सैंपल
बख्तियारपुर, बाढ़, बिहटा, दानापुर, फतुहा, मसौढ़ी, मोकामा, पालीगंज, फुलवारीशरीफ, पुनपुन।

पटना जिले में मिले 295 काेराेना मरीज, 7 की मौत

पटना में शनिवार को 295 काेराेना मरीज मिले। जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 26654 हो गई है। इनमें 24437 मरीज ठीक हाे चुके हैं। अभी 2116 एक्टिव केस हैं। शनिवार को जिले में 7804 लोगों की जांच हुई। पीएमसीएच में 644 सैंपल की जांच में 16 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें दो यहां भर्ती मरीज शामिल हैं। दो मरीजों काे स्वस्थ होने पर छुट्टी दी गई। मुजफ्फरपुर की मरीज सरिता देवी की मौत हाे गई।

आईजीआईएमएस में 2588 सैंपल की जांच में 58 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई जिनमें तीन भर्ती मरीज हैं। एम्स से 12 काेराेना मरीजाें काे डिस्चार्ज किया गया। इनमें गाेड्डा की एक डाॅक्टर किरण जायसवाल भी हैं। वह 20 सितंबर काे भर्ती हुई थीं। सात काेराेना मरीजाें शेखपुरा के दीपक कुमार बर्णवाल, राेहतास के बहादेव भट्टाचार्य, गाेपालगंज के सुरेश राय, गर्दनीबाग की गाेदावरी देवी, खगाैल के कृष्णवल्लभ प्रसाद, नालंदा की राेहिणी देवी, सीवान के विवेक कुमार की माैत हाे गई। एनएमसीएच से तीन मरीजाें को छुट्टी दी गई। 447 बेड के अस्पताल में अभी मात्र 21 मरीज भर्ती हैं।

दानापुर में एक ही घर से छह लाेग काेराेना पाॅजिटिव मिले
दानापुर|गांधीनगर गाभतल में एक ही घर के छह लाेग काेराेना संक्रमित मिले हैं। तबीयत ठीक नहीं हाेने पर झखरी महादेव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराने के बाद सभी कोरोना पाॅजिटिव पाए गए। सभी घर में ही इलाजरत हैं।



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विशेषज्ञों की मानें तो कम से कम 30 से 40 फीसदी लोगों में यदि एंटीबॉडी बन जाए तो कोरोना का इंसीडेंस रेट कम हो जाता।


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