 
विधानसभा चुनाव में बिहार महागठबंधन में कांग्रेस की 50 सीटें से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद घट रही है। राजद नेतृत्व ने कांग्रेस आलाकमान को स्पष्ट किया है कि जितने सहयोगी बढ़ाएंगे उतने ही त्याग करने पड़ेंगे। दोनों दलों राजद और कांग्रेस की सीटें कम होगी। रालोसपा और तीनों वाम दलों (माले, सीपीआई और सीपीएम) ने 50-50 सीटों से ऊपर की डिमांड कर दी है।
वहीं वीआईपी ने भी 20 से ऊपर सीट मांगी है। झारखंड के सीएम ने राजद अध्यक्ष लालू यादव से मिल कर बिहार के अपने पड़ोसी जिलों में 8 सीट की मांग की है। सहयोगियों की इन डिमांड को मानी जाए तो पिछली बार जितनी सीट पर राजद (101) और कांग्रेस (41) लड़े थे उतनी सीट भी उन्हें नहीं मिल पाएगी।
सहयोगियों के लिए अधिकतम सीटें लगभग तय
कांग्रेस और राजद ने सहयोगियों की अधिकतम सीटें लगभग तय कर दिया है। राजद और कांग्रेस नेताओं पर भरोसा करें तो रालोसपा 18-20 सीट, लेफ्ट तीनों दल 20-22 सीट, वीआईपी 8-10 सीट और झामुमो को अधिकतम 3-5 ही दी जा सकती है। राजद 130-140 और कांग्रेस 41-50 के बीच सीटों पर ही लड़ पाएंगे।
सीटों के तालमेल पर विचार करे राजद : दीपंकर
भाकपा माले ने विपक्षी तालमेल पर राजद के रूख को जनता की भावना के खिलाफ बताया है। महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि तालमेल पर अभी तक राजद का जो रुख और प्रस्ताव है, वह जनता की भावना और राजनीतिक जरूरत से मेल नहीं खाती। राजद इस पर गंभीरता से विचार करे, ताकि विपक्षी दलों के बीच कारगर एकता बने।
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