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कांटी में मछली बचाने के लिए पोखर किनारे बिजली तार की घेराबंदी की चपेट में आए दो किशोर, करंट लगने से दोनों की मौत https://ift.tt/2FBiJkw

पानापुर ओपी क्षेत्र की मणि फुलकाहां पंचायत के बकुलहारा चौर के पोखर के चारों तरफ बिछाए गए बिजली के नंगे तार की चपेट में आने से दो किशोर की मौत हो गई। घटना शुक्रवार की रात करीब 10 बजे की है। मृतकों की पहचान भेड़ियाही सलोना निवासी मो. अमजद के पुत्र मो. सैफुल (14 वर्ष) और मो. इशाक के पुत्र मो. साबुदीन (16 वर्ष) के रूप में हुई है।

बताया जाता है कि पोखर में मछली को बचाने के लिए पोखर के चारों ओर बिजली के तार से घेराबंदी की गई थी। रात में मो. सैफुल व मो. इशाक उधर से गुजर रहा था। इसी दौरान मो. सैफुल घेराबंदी की गई बिजली तार की चपेट में आ गया। उसे तड़पते देख मो. साबुदीन बचाने गया तो वह भी करंट की चपेट में आ गया। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने तत्काल बिजली बंद करवाई।

इसके बाद दोनों के शव को बाहर निकाला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले में पानापुर ओपी में मृतक मो. सैफुल के पिता मो. अमजद अली के बयान पर मैसाहा निवासी काशीनाथ झा एवं आलोक कुमार झा पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। ओपी अध्यक्ष रमेश कुमार मिश्रा ने बताया कि मामले में दो नामजद अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। छानबीन की जा रही है।
फसल बचाने के लिए किसान लगाते हैं तार
नीलगाय और जंगली सूअर से फसल को बचाने के लिए भी किसान खेतों की मेड़ पर करंट वाला नंगा तार लगाते हैं। जिले में इस तरह के बिजली के तार से अब तक आधा दर्जन से अधिक हादसे हो चुके हैं। जिसमें 8 से 10 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि विभाग इसके लिए मंजूरी नहीं देता है। प्रशासनिक स्तर पर भी रोक लगाई गई है।
धारा 304 के तहत होती है कार्रवाई

कानून के जानकार अधिवक्ता शरद सिन्हा ने बताया कि खेतों में नंगा तार लगाकर उसमें करंट प्रवाहित करने से यदि हादसे में किसी की मौत होती है तो ऐसी स्थिति में आईपीसी की धारा 304 के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है। लापरवाही के कारण गैर इरादतन हत्या को लेकर पुलिस की ओर से ऐसे मामलों में चार्जशीट की जाती है। इसके तहत सख्त सजा का प्रावधान है।

विरोध में एनएच जाम, वाहनों की लगी लंबी कतार

इधर, शनिवार की दोपहर करीब 2 बजे पोस्टमार्टम के बाद शव आते ही आक्रोशित ग्रामीणों ने थर्मल कॉलोनी गेट के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग-28 पर आवागमन ठप कर दिया और प्रदर्शन करने लगे। ग्रामीणों की मांग थी कि मृतक के आश्रितों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा मिले। मौके पर पहुंचे जदयू नेता मो. जमाल ने सभी को समझा-बुझाकर शांत कराया।

वहीं, मुआवजे को लेकर अधिकारियों से बात की। काफी मशक्कत के बाद जाम हटाया जा सका। जाम के कारण एक घंटा से अधिक समय तक एनएच पर आवागमन ठप रहा। एनएच के दोनों तरफ से करीब दो किमी तक वाहनों की कतार लगी रही।



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In order to save the fish in Kanti, a power cord was sieged, two teenagers caught in the grip, both died due to electrocution.


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