बिहार विधानसभा चुनाव में देश के दिग्गज नेताओं का आना-जाना जारी है। ऐसे में वैश्य वोटों को साधने के लिए भाजपा ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी उतार दिया है। हालांकि खुद रघुवर का कहना है कि- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक समरसता का रास्ता दिखाया। भाजपा कभी परिवारवाद-जातिवाद की राजनीति नहीं करती।
यह काम दिल्ली में कांग्रेस और बिहार में राजद का है। जहां एक ही परिवार का तंत्र चलता है। यहां लड़ाई ही परिवारवाद बनाम लोकतंत्र की है। दरअसल, वैश्य समाज में करीब 52 जातियां आती हैं। बिहार के हर विधानसभा क्षेत्र में इनकी अच्छी संख्या है। इनपर रघुवर दास की अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसी के मद्देनजर पिछले 4 दिनों में रघुवर ने कई रैलियां कीं।
राजद शासन काल में हत्या, अपहरण और भ्रष्टाचार से त्रस्त था बिहार
इनमें उन्होंने विपक्ष के सवर्ण वोटों पर भी निशाना साधा। कहा कि-राजद ने तो अपने नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की इज्जत नहीं की। भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने गरीब सवर्णों को भी 10 फीसदी आरक्षण दिया। सबका साथ-सबका विकास भाजपा का फार्मूला है। पार्टी तुष्टीकरण की नीति पर विश्वास नहीं करती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा जीवन राष्ट्र व मानव सेवा को समर्पित रहा है। नरेंद्र मोदी आधुनिक भारत के गांधी हैं। 2014 में जब भाजपा ने उन्हें पीएम का उम्मीदवार बनाया तब दस वर्षों से गठबंधन की राजनीति चल रही थी। 30 वर्षों के बाद किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत मिला। हमारे मार्गदर्शक पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को प्रधानमंत्री साकार कर रहे है।
जब से एनडीए की सरकार बनी है तब से विकास की गति दोगुनी हुई है। राजद के शासन में हत्या, अपहरण, लूट और भ्रष्टाचार के कारण पूरा बिहार त्रस्त था। पूर्व सीएम ने कहा कि अब वह समय समाप्त हो चुका है। बिहार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। अगामी बिहार विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र बनाम परिवार तंत्र के बीच चुनाव होगा। इस चुनाव में लोकतंत्र की जीत होगी। एक-एक वोट बिहार की तस्वीर बदलेगा।
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