आखिरकार 80 साल से अधिक के बुजुर्ग-कोरोना मरीजों और दिव्यांगों के पोस्टल बैलेट से वोटिंग के लिए आवेदन का नियम को गलत बताया है और इसे हटाने की मांग की है। यह मांग बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त की विभिन्न दलों की बैठक के दौरान उठी। इस मुद्दे को उठाने वाली जदयू का कहना था कि चुनाव आयोग इस नियम को संशोधित करे ताकि 13 लाख बुजुर्ग, 6 लाख दिव्यांग व कोरोना संक्रमितों को राहत मिले और वो आसानी से वोट दे सकें।
गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ने 29 सितंबर के अंक में ‘वोट के इस फैसले के खिलाफ हमारा वोट’ से उस पूरी प्रक्रिया पर जदयू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ. अशोक चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव संगठन आरसीपी सिंह, संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह व जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने आयोग के सामने 80 वर्ष से अधिक उम्र के वोटरों को पोस्टल बैलट के लिए आवेदन देने का मुद्दा उठाया।
जदयू ने कहा कि बुजुर्गों को आवेदन देने के लिए घर से बाहर न जाना पड़े और उनके घर से ही आवेदन लेने की व्यवस्था हो यह आयोग सुनिश्चित करे। जदयू ने यह भी कहा कि बहुत से वोटरों के पास मतदान पर्ची समय पर नहीं पहुंच पाता। आयोग यह सुनिश्चित करे कि बीएलओ समय पर सभी वोटरों को पर्ची पहुंचाएं। तीसरा मुद्दा चुनाव प्रचार को लेकर उठाया गया। साथ ही कहा स्टार प्रचारक अगर कहीं जाते हैं और तय क्षमता से अधिक भीड़ जुट जाने पर प्रत्याशी पर ही मुकदमा न हो।
जदयू ने पूछा-जनसंपर्क-सभा में तय लोगों से ज्यादा आ गए तो क्या करेंगे?
जदयू ने चुनाव आयोग से कई बुनियादी मसलों पर स्पष्ट व्यवस्था की अपेक्षा की है। मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल ने उनसे कहा कि अगर जनसंपर्क अभियान के दौरान तय संख्या (5) से कुछ ज्यादा लोग आ गए, जिन्हें हम जानते भी नहीं हैं, तो हम क्या करेंगे या कर लेंगे? यही बात सभा के लिए निर्धारित संख्या को लेकर भी कही गई। प्रतिनिधिमंडल में डाॅ. अशोक चौधरी, आरसीपी सिंह, राजीव रंजन सिंह, संजय कुमार झा थे।
राजद: वोटिंग 12 की घंटे हो
सांसद मनोज झा ने मतदान के समय को 12 घंटे करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक किया गया है जिसे बढ़ाकर शाम 7 बजे तक किया जाए। कोरोना के कारण वोटरों में भय है इसलिए वोटरों का बीमा कराया जाए। मतदान केंद्रों पर वोटरों की संख्या 700 की जाए। यह भी कहा- डोर टू डोर चुनाव प्रचार में पांच की बजाय 40 लोग जुट जाएं तो मुकदमा किस पर होगा।
बीजेपी: नावों की सघन जांच हो
पूर्व सांसद जनक, एस.डी. संजय, राधिका रमन और कुमार सचिन ने कहा बिहार में शांतिपूर्ण मतदान की व्यवस्था हो। नदी मार्ग से काफी मात्रा में पैसा एवं अन्य आपत्तिजनक सामग्री मतदाताओं को गलत तरीके से प्रभावित करने के लिए पहुंचाया जाता है। चुनाव के दौरान नदी वाले इलाकों में नावों की सघन जांच हो और मतदान के दो दिन पहले परिचालन पर प्रतिबंध लगे।
कांग्रेस: मेडिकल टीम तैनात हो
चुनाव आयोग के समक्ष एआईसीसी सदस्य ब्रजेश प्रसाद मुनन, हरखू झा और रीता सिंह ने कहा कि चुनाव के दौरान हर दस बूथ पर मेडिकल टीम हो। सभाओं के लिए जो पार्टी पहले आवेदन दे उसे मैदान या हॉल
के आवंटन में प्राथमिकता मिले। उन्होंने यह भी मांग की कि सभी राजनीतिक दलों को वोटर लिस्ट की चार-चार प्रिंटेड कॉपी उपलब्ध कराई जाए।
कई सवाल और भी
बाढ़ प्रभावित इलाकों में वोटर कैसे आएंगे?
लोजपा: राजेन्द्र विश्वकर्मा, सौलत राही और चंदन कुमार ने कहा प्रत्येक बूथ पर पांच सौ वोटर हों। बाढ़ प्रभावित इलाकों में वोटरों के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाए।
रालोसपा : पार्टी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि अतिसंवेदनशील बूथों पर सभी मतदाता वोट डाल सकें यह सुनिश्चित हो। कमजोर वर्ग के वोटरों को बूथ तक ले जाने की व्यवस्था करें। हर बूथ पर वोटरों की संख्या 250 तक ही सीमित की जाए।
सीपीआईएम: सीपीआईएम के सर्वोदय शर्मा और गणेश शंकर सिंह ने कहा गरीबों के पास स्मार्ट फ़ोन और लैपटॉप नहीं है कि वे वर्चुअल रैली में शामिल हो सकें। आयोग ऐसी व्यवस्था करे कि गरीब वोटर वर्चुअल रैली में शामिल हो सके। आयोग ब्यूरोक्रेसी पर भी नजर रखे। पार्टी ने आयोग के सामने पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का भी मुद्दा उठाया।
भाकपा: एक बूथ पर 500 से अधिक मतदाता नहीं रखने की अपील की। बाढ़ प्रभावित जिलों में में मतदाता कैसे आएंगे? आयोग उपाय करे। विजय नारायण मिश्र और कपिलदेव यादव ने सुझाव दिया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3jjtaYq
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box