2007 में मंदार हिल से भागलपुर आ रही पैसेंजर ट्रेन में देर रात यात्रियों से हुई डकैती कांड में दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। एडीजे-10 आनंद कुमार सिंह की अदालत ने रजौन निवासी मुकेश सिंह और विपिन पासवान पर लगाये आरोप पर रेल पुलिस के साक्ष्य को पर्याप्त नहीं माना।
डकैती में दोनों के शामिल होने की बात यात्रियों द्वारा पकड़े गए बदमाश रजौन के आनंदपुर निवासी बालमुकुंद मंडल के स्वीकारोक्ति बयान में कही गयी थी। रजौन खैरा के यात्री छोटू यादव के बयान पर जीआरपी भागलपुर में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। छोटू ने बताया था कि 5 जनवरी 2007 की रात 2.30 बजे मंदार हिल से ट्रेन खुलने के बाद जब ट्रेन रजौन पहुंची, ताे इंजन के पीछे दूसरी बोगी में करीब 15-16 लोग चढ़ गए।
ट्रेन खुलने के बाद ये लोग सभी यात्रियों से पिस्तौल का भय दिखाकर कैश व ज्वेलरी देने काे कहा।
बोगी में करीब 14-15 लोग सवार थे। रजौन के सगे भाई नागेश्वर राय, पटवारी राय और बौंसी के गौतम ने पैसे देने से इनकार किया तो उनलोगों की पिटाई कर दी। ट्रेन जब सांझा स्टेशन पहुंची तब डकैत ट्रेन से उतरकर भागने लगे। बालमुकुंद भागने के दाैरान गिर गया। यात्रियों ने उसे पकड़ लिया और जमकर पिटाई कर दी। जब ट्रेन भागलपुर पहुंची तब उसे रेल पुलिस के हवाले किया गया। बालमुकुंद ने डकैती में शामिल अन्य सदस्यों के नाम बताए थे।
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