हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस, राजद और एनडीए को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि भागलपुर में दंगा कांग्रेस के शासनकाल में हुआ था, जबकि राजद ने सत्ता में बैठकर कातिलों का साथ दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कदम आगे रहे और उस शख्स को डीजीपी बना दिया, जिसकी कप्तानी में भागलपुर में नरसंहार हुआ। ये सभी मुस्लिमों के हितैषी नहीं हैं। ओवैसी शुक्रवार को नाथनगर के सीटीएस चर्च मैदान में ग्रैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट से भागलपुर, नाथनगर व बिहपुर के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे।
लॉकडाउन मोदी के सियासी कैरियर की सबसे बड़ी गलती, भारत की अर्थव्यवस्था चरमराई
ओवैसी ने कहा, कोरोना वैक्सीन के बाजार में आने के बाद भागलपुर से सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में पुन: आंदोलन शुरू होगा। इस बार यदि हमारी सरकार बनती है तो बिहार में सेंसस होगा। सीएए, एनआरसी व एनपीआर नहीं होगा। लॉकडाउन पीएम नरेंद्र मोदी के सियासी कैरियर की सबसे बड़ी गलती साबित हुई।
मोदी ने 8 घंटे में लॉकडाउन करके भारत की इकोनोमी को बर्बाद कर दिया। यदि 8 दिन का समय दिया होता तो प्रवासी मजदूराें काे इतनी दिक्कत न हाेती। उन्हाेंने कहा कि पांच साल पहले जदयू, राजद और कांग्रेस ने बीजेपी को रोकने व संघमुक्त भारत बनाने के एलान के साथ जाे गठबंधन बनाया, वह फेल साबित हुआ।
पीएम दो घोड़े की कर रहे हैं सवारी
ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी दो घोड़े की सवारी कर रहे हैं। कभी जदयू तो कभी लोजपा की। मोदी की पूरी कोशिश है कि बिहार में कोई संघ सा जुड़ा चेहरा ही बीजेपी से मुख्यमंत्री बने। यदि बीजेपी को मुख्यमंत्री बनाने से कोई रोक सकता है तो वह उपेन्द्र कुशवाहा का गठबंधन ग्रैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट है।
1989 के दंगे का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा, आज भी भागलपुर के खेतों में हजाराें लाशें दफन हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने तत्कालीन एसपी एसके द्विवेदी को ससपेंड कर दिया और फिर संघ परिवार के दबाव में उनका सस्पेंशन वापस ले लिया गया। मौके पर तबरेज रहमानी, मो. सैफुल्लाह अंसारी, रालोसपा व बसपा के नेता व कार्यकर्ता माैजूद थे।
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