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एक पखवाड़े में महज दो कदम चली नीतीश सरकार; एक बार कैबिनेट और एक बार नई विधानसभा बैठी https://ift.tt/2V86eB1

बिहार की 17वीं विधानसभा का चुनाव 7 नवंबर को संपन्न हुआ और 10 तारीख को इसका परिणाम आया। सरकार एनडीए की बनी। 16 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो गया। सरकार बनने से पहले तमाम दलों ने अपनी-अपनी तरफ से बिहार की जनता के लिए किए जाने वाले कामों की चर्चा की थी। जदयू ने सात निश्चय भाग 2 लाने की बात कही, जिसमें युवाओं को सशक्त बनाने से लेकर महिलाओं को रोजगार देने तक की बात कही गई थी। हालांकि इन सभी कामों में वक्त तो जरूर लगेगा। सरकार ने पिछले एक पखवाड़े में क्या कुछ किया है, इस रिपोर्ट में जानिए :

कैबिनेट की पहली बैठक

16 नवंबर के बाद नई सरकार ने कैबिनेट की एक बैठक और एक विधानसभा सत्र आयोजित कर लिया है। कैबिनेट की बैठक में मात्र 2 एजेंटों पर चर्चा हुई। पहला कि 23 नवंबर से 27 नवंबर तक शीतकालीन सत्र चलेगा और दूसरा, इस सत्र में 26 नवंबर को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। कैबिनेट की पूरी प्रक्रिया यहीं समाप्त कर दी गई। कोई दूसरा एजेंडा इस कैबिनेट में नहीं लाया गया।

शीतकालीन सत्र में क्या-क्या हुआ

23 से 27 नवंबर तक विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आयोजन किया गया। 23 और 24 नवंबर को नए विधायकों को शपथ दिलाई गई। प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने 25 नवंबर को स्पीकर का चुनाव कराया। राजनीतिक उठापटक के बीच एनडीए ने चुनाव जीता और विजय कुमार सिन्हा स्पीकर बन गए।

26 नवंबर को राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। इसमें विधानसभा और विधान परिषद दोनों के सदस्य शामिल हुए। सत्र के अंतिम दिन 27 नवंबर को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की गई। राज्यपाल का अभिभाषण सरकार द्वारा किए जाने वाले कामों पर ही आधारित होता है, ऐसे में पक्ष-विपक्ष की तरफ से यह चर्चा होती है। कुल मिलाकर शीत काल का विधानसभा सत्र भी अगले आदेश तक के लिए स्थगित हो गया। जनता से किये गए वायदों के लिए अब अगली कैबिनेट बैठक और विधानसभा सत्र का इंतजार करना होगा।

सरकारी नौकरी देने का आदेश

सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी तरफ से एक आदेश दिया। य़ह कि इस बार बड़े पैमाने पर बिहार में सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके लिए रिक्त पदों को तलाशा जाए। सभी विभागों को इसके लिए पत्र भेजे गए हैं। हर महकमे में स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा पर नियोजित कर्मियों और अधिकारियों की संख्या पूछी गई है। स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा नियोजन के लिए जिन मामलों में नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है, उसकी भी संख्या मांगी गई है। यह भी पूछा गया है कि स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा नियोजन पर कितनी संख्या में पदाधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सकती है? इसके अलावा अन्य जरूरतों के हिसाब से संविदा पर कितनी संख्या में पदाधिकारियों और कर्मियों की नियुक्ति की जा सकती है?

यहां चल रही बहाली प्रक्रिया

फिलहाल अलग-अलग विभागों में नौकरी की प्रक्रिया भी चल रही है। नगर विकास एवं आवास विभाग में कनीय अभियंता के 442, बिहार पुलिस में कांस्टेबल के 8415, सहायक प्राध्यापक के लिए बीपीएससी द्वारा 126, आईजीआईएमएस में सीनियर रेजिडेंट और ट्यूटर के 60, सहायक प्राध्यापक के 18, हेल्थ सोसायटी के माध्यम से प्रखंड अकाउंटेंट के 472 पदों के लिए। हाई स्कूल और प्लस टू स्कूलों में शिक्षक के 33 हजार पद के लिए, बिहार पुलिस में 133 स्टेनो पद के लिए और काम्फेड में 39 जूनियर टेक्नीशियन के लिए बहाली प्रक्रिया पिछली सरकार से ही जारी है।



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नई नीतीश सरकार ने अब तक कैबिनेट की एक बैठक और एक विधानसभा सत्र आयोजित कर लिया है।


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