सूर्यपुरा प्रखंड क्षेत्र के गोशलडीह पंचायत के कोसंदा गांव में बना स्वास्थ्य उपकेंद्र इन दिनों महज भूतों का डेरा बन कर रह गया है। स्वास्थ्य उपकेंद्र कोसंदा में हर तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है। साफ सफाई के अभाव में चारो तरफ उगे झाड़ियों के बीच इलाज की बात कौन कहे ऐसे भी परिसर में प्रवेश करना मुश्किल है। ग्रामीणों की माने तो लगभग दो दशक से अधिक दिनों से बनकर तैयार स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन में शुरू में चिकित्सक बैठते थे।
रोगियों का इलाज भी होता था परंतु कई सालों से बंद पड़ा स्वास्थ्य केंद्र विभाग के उदासीन रवैये के कारण न चिकित्सक पहुंचते है और ना ही नर्स। नतीजा रख रखाव के अभाव में स्वास्थ्य उप केंद्र झाड़ियों के बीच घिरकर भूत बंगला में तब्दील हो चुका है। विभागीय जानकारी के अनुसार पूरे प्रखंड में अगरेड कला,सुरहुरिया, शिवोबहार, इमिरिता, बलिहार एवं कोसंदा कुल छह स्वास्थ्य उपकेंद्र है।
चिकित्सकों व कर्मियों की है कमी
स्वास्थ्य उप केंद्र में एक चिकित्सक तथा दो नर्स की तैनाती होनी चाहिये परंतु चिकित्सक व कर्मियो के अभाव में स्वास्थ्य उपकेंद्र को महज टीकाकरण कार्य के रूप में ही उपयोग किया जाता है। इस संबंध में भास्कर संवाददाता से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा शशिकांत शेखर ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही चिकित्सको तथा कर्मियो की घोर कमी है। जिसकी सूचना बार बार जिला को भेजने के बाद भी ना ही चिकित्सक की व्यवस्था हो सका है और नाही कर्मियों की भरपाई नतीजा बड़ी मुश्किल से तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन हो पाता है।
विभाग के अनुसार पीएचसी सूर्यपुरा में कुल छह चिकित्सकों का सीट है, जबकि महज दो चिकित्सक है। वही 24 एएनएम के पद में मात्र 13 ही कार्यरत हैं। जिसके जरिये नियमित टीकाकरण, प्रसव, ओपीडी सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं कराई जाने की बात बताई।
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