
राज्य के 20 जिलों में चल रहे बिहार भूमि विशेष सर्वेक्षण की विस्तृत समीक्षा में खुलासा हुआ कि समाहर्ता, अपर समाहर्ता एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी कई जिलों विशेष कर पूर्णिया, कटिहार, बेगूसराय और जहानाबाद में नियमित बैठक नहीं कर रहे।
जबकि समाहर्ता को महीने में एक बार, अपर समाहर्ता को दो बार एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को चार बार (साप्ताहिक) बैठक करनी है। जिन 20 जिलों के 90 अंचलों के जिन 207 शिविरों में भू-सर्वेक्षण का काम किया जा रहा है वहां आधारभूत सुविधाओं की स्थिति ठीक नहीं है।
शिविर के लिए जहां सरकारी भवन उपलब्ध नहीं हैं, वहां किराये पर निजी भवन लेने का दिया गया निर्देश
शिविर हेतु सरकारी भवन उपलब्ध नहीं हैं, वहां किराये पर निजी भवन लेने का निर्देश दिया गया है। कई शिविरों से यह शिकायत मिली कि स्थानीय दबंगों, भू-माफियाओं एवं दलालों द्वारा सर्वेक्षण कार्य में लगे अमीन को डराया-धमकाया जा रहा है। इसके लिए 20 जिलों के पुलिस अधीक्षक को अक्टूबर में पत्र लिख सभी थाना प्रभारियों के ज़रिए पंचायत सरकार भवनों में चल रहे शिविरों और वहां काम कर रहे कर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने इस दो दिवसीय राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान राधा मोहन प्रसाद (सेवा निवृत विशेष सचिव) की पुस्तक बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त मैनुअल का विमोचन भी किया। प्रदेश के मुख्य सचिव के स्तर से सभी विभागाध्यक्षों एवं पुलिस मुख्यालय के वरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक गुरुवार को बुलाई गई है।
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