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हड़ताली डॉक्टरों को 24 घंटे में हॉस्टल खाली करने का निर्देश, कोर्ट में केस करेगी सरकार https://ift.tt/3ho58uZ

जूनियर डॉक्टरों की बेमियादी हड़ताल का कोई नतीजा नहीं निकला। लिहाजा छठे दिन सोमवार को भी हड़ताल जारी रहेगी। गरीब मरीजों का पलायन जारी है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) की अस्पताल प्रशासन के साथ कोई वार्ता नहीं हुई। वार्ता के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राचार्य और अधीक्षक को अधिकृत किया गया है पर जेडीए के प्रतिनिधि इससे संतुष्ट नहीं हैं।

उनका कहना है कि विभाग की ओर से लिखित आश्वासन मिलना चाहिए तभी हड़ताल तोड़ेंगे। जूनियर डॉक्टरों ने रविवार को कैंडल मार्च निकाला। इस बीच, पीएमसीएच के अधीक्षक और आईएमए बिहार के अध्यक्ष डॉ. विमल कारक सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से मिलेंगेे।

इस बीच, पीएमसीएच प्रशासन ने हड़ताल में शामिल डॉक्टरों को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया है। यह नोटिस हॉस्टल में चिपका दिया गया है। साथ ही स्टाइपेंड काटने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। अधीक्षक की माने तो जो इंटर्न गैरहाजिर होंगे, उन्हें फिर से इंटर्नशिप करना होगा। उधर, हड़ताली डॉक्टरों का कहना है कि हॉस्टल खाली करने का नोटिस नहीं मिला है।

पीएमसीएच में प्रेस पर पाबंदी, नहीं ले सकेंगे फोटो
पीएमसीएच में मरीजों की परेशानी को आम लोगों तक पहुंचाने एवं दिखाने से मीडिया को रोकने के लिए पीएमसीएच प्रशासन ने अस्पताल में करीब दर्जनों जगहों पर फोटो एवं वीडियो लेने पर रोक लगा दी है। हालांकि अस्पताल प्रशासन इसे कोरोना के कारण उठाया गया कदम बता रहा है। अब संबंधित विभागों के अध्यक्ष से पूछे बिना फोटो या वीडियोग्राफी नहीं हो सकेगी।


सभी मेडिकल कॉलेज से मांगी गई हड़तालियों की नई लिस्ट
राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों पर चेतावनी का असर होता नहीं देख सरकार अब कोर्ट जाने की तैयारी में है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के अधीक्षक और प्राचार्य को नए सिरे से हड़ताली डॉक्टरों को चिन्हित करते हुए उन्हें नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर कोर्ट में अवमानना का मामला दायर करेगी। उल्लेखनीय है इसी वर्ष अगस्त महीने में कोर्ट ने डॉक्टरों की प्रस्तावित हड़ताल पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि राज्य कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है ऐसी स्थिति में डॉक्टरों की हड़ताल उचित नहीं है।

डॉक्टरों के इस कदम से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरामरा जाएगी। कोरोना का संकट लगातार बना हुआ है। इसके बावजूद जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर है। स्वास्थ्य विभाग कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश का हवाला देकर अपील करेगा कि हड़ताल पर गए डॉक्टर हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो सोमवार को महाधिवक्ता हाईकोर्ट में डॉक्टरों के खिलाफ अवमानना का मामला चलाए जाने की अपील करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने इसकी पुष्टि की है।



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एक सूत्री मांग के समर्थन में राजधानी में रविवार को कैंडल मार्च निकालते हड़ताली जूनियर डॉक्टर।


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