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सर्विस बुक ऑनलाइन नहीं होने पर जिले के 341 शिक्षकों के वेतन पर लगाई गई रोक https://ift.tt/37qum7o

मानव संसाधन विकास प्रणाली परियोजना अंतर्गत शिक्षा विभाग के नियमित शिक्षकों और कर्मियों का सेवा पुस्तिका ऑनलाइन नहीं होने की वजह से जिले के 341 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। इस कार्य के लिए जिम्मेदार मांगते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित डीपीओ स्थापना के वेतन पर भी रोक लगा दी गई है। बता दें कि शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी पदाधिकारियों शिक्षकों और कर्मियों की सेवा पुस्तिका अभिलेख का डिजिटाइजेशन तथा ई सेवा पुस्तिका का निर्माण किया जाना है।

मानव संसाधन विकास प्रणाली परियोजना अंतर्गत नियमित कर्मियों का ऑनलाइन सेवा पुस्तिका संधारण कराने हेतु पूर्व में भी यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध करा दिया गया है। इस बारे में जिला शिक्षा पदाधिकारी सुर्यनारायण ने निदेशालय से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद सभी प्रधानाध्यापक सह डीडीओ राजकीय,राजकीयकृत उच्च विद्यालय उच्च माध्यमिक विद्यालय के अलावा प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को पत्र जारी किया है।

कैमूर जिला अंतर्गत शिक्षा विभाग में कार्यरत 878 नियमित शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों में मात्र 537 कर्मियों का ही पूर्ण रूप से एचआरएमएस में प्रविष्टि हो पाई है। बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी एचआरएमएस प्रविष्टि का कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। जिस पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा अपर सचिव शिक्षा विभाग पटना द्वारा नाराजगी भी व्यक्त की गई है। जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मानव संसाधन विकास प्रणाली में सभी नियमित शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों की प्रविष्टि कराने का निर्देश दिया है।

हाई स्कूल के 160 शिक्षकों के वेतन पर लगी है रोक

जब तक नियमित शिक्षक कर्मियों का एचआरएमएस पर पूर्ण रुप से प्रविष्टि नहीं हो जाएगा तब तक उनके वेतन पर रोक लगी रहेगी। डीपीओ स्थापना ने दयाशंकर सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग के सभी नियमित शिक्षक एवं कर्मियों का ई सेवा पुस्तिका बनाया जा रहा है। जिन शिक्षकों द्वारा इस कार्य में लापरवाही बरती गई है उनके वेतन पर रोक लगा दी गई है।

डाटा ऑनलाइन करने में कैमूर राज्य में दूसरे पायदान पर

जिला स्तर पर टाउन हाई स्कूल में शिक्षकों की सुविधा के लिए स्कूल के प्रिंसिपल को डीडीओ बनाया गया है। जबकि ही तीन कंप्यूटर ऑपरेटरों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा सभी प्रखंडों में डीडीओ को भी इसके लिए जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि शिक्षकों और कर्मियों का डाटा आनलाईन करने में कैमूर राज्य में दूसरे पायदान पर हैं।

कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए लिया गया निर्णय

शिक्षा विभाग में कार्यरत अफसरों नियमित कर्मियों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी विकास के दौर में विभागों के दफ्तरों और कामकाज के तौर-तरीकों को डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। इस व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य के अपर सचिव सह वरीय पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने ई सेवा पुस्त का निर्माण का निर्णय लिया है।

डाटा कैपचर फॉर्मेट में होगी एंट्री

ई सेवा पुस्त निर्माण प्रक्रिया के तहत नियमित कर्मियों और अधिकारियों का डाटा कैप्चर फॉरमैट डीसीएफ में एंट्री किया जाना है। उन्होंने कहा है कि जिले के सभी पदाधिकारियों कर्मियों शिक्षकों का डाटा इंट्री पूर्ण होने का जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना का वेतन स्थगित रहेगा। इसकी जानकारी सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और आईटी मैनेजर को भी दी गई है।

ऑनलाइन होने पर वेतन मिलने में होगी आसानी

सरकारी विभागों में कामकाज का अब पूरी तरह से डिजिटाइजेशन हो गया है। विभाग में यह कार्य काफी पिछड़े पायदान पर चल रहा है। शिक्षक एवं कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। दीपावली और छठ जैसे महान पर्व अभी शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों में भारी आक्रोश है।ई सेवा पुस्तिका ऑनलाइन हो जाने के बाद शिक्षकों और कर्मियों के वेतन भुगतान में भी सहूलियत होगी।

सभी शिक्षकों को किया गया है निर्देशित
शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों की ई सेवा पुस्तिका बनाई जा रही है। राज्य स्तर से मिले निर्देश के बारे में जिले में इस कार्य को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जा रहा है। सभी स्कूल के प्रधानाध्यापकों को भी इसके लिए निर्देशित किया गया है।शिक्षकों की सुविधा के सभी डीडीओ को निर्देशित किया गया है। शिक्षक के यथाशीघ्र इस कार्य को पूरा करा लें।
दयाशंकर सिंह, डीपीओ स्थापना



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जिला शिक्षा कार्यालय


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