कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच राजद ने फिर सरकार पर प्रहार किया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जहां तक राजद का अनुभव है, एपीएमसी अधिनियम के उन्मूलन यानी कृषि मंडियों का समाप्ति के बाद बिहार में वर्ष 2007-08 और 2016-17 के बीच 10 विपणन सत्रों के एक भी सीजन में कीमतें एमएसपी से आगे नहीं बढ़ पाईं।
उन 10 विपणन सत्रों में से चार सत्रों में कीमतें 90% या उससे अधिक पर पहुंची, जबकि शेष छह सीजन में उस स्तर से भी नीचे गिर गईं। वहीं बिहार में राजद शासन के दौरान वर्ष 1998-99 से 2006-07 तक बिहार में तीन फसलाें (गेहूं, मक्का, धान) का मूल्य एमएसपी से ऊपर रहा।
कृषि कानून को वापस लें पीएम : शिवानंद
राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि किसान आंदोलन के समर्थन में अबतक दो लोगों ने आत्महत्या की है और लगभग 50 आंदोलनकारी मौत के शिकार हो चुके हैं। रिकॉर्ड तोड़ ठंड भी किसानों की सहनशक्ति की परीक्षा ले रहा है।
आजादी के बाद देश में ऐसा आंदोलन नहीं देखा गया था। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार कृषि राज्यों की अधिकार सूची में आता है, लेकिन राज्य सरकारों से किसी प्रकार की राय मशविरा नहीं की गई। पीएम से अनुरोध है कि वे लोकतांत्रिक मिजाज का परिचय देते हुए किसान कानून को वापस लेकर सबको पहले भरोसा में लें और नए ढंग से इस दिशा में आगे बढ़ें।
पार्ट टाइम राजनीतिज्ञ और फुल टाइम पर्यटक की बन गई है तेजस्वी यादव की छवि : जदयू
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की छवि पार्ट टाइम राजनीतिज्ञ व फुल टाइम पर्यटक की बन गई है। उनको न तो अपने पद के कर्तव्य व जिम्मेदारियों का अहसास है, न ही चुनाव के बाद जनता से कोई सरोकार है। नए साल में भी तेजस्वी दिल्ली चले गए। जाहिर है वे राहुल गांधी के पदचिह्नों पर चल रहे हैं।
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