बोधगया नगर पंचायत को नगर परिषद बनाने की घोषणा हुई है। नगर परिषद बनाने के लिए ग्राम पंचायत के कई गांव को इसमें शामिल किया गया। गुरुवार को धनावां पंचायत के अंतर्गत आने वाले छह गांव के ग्रामीणों ने नगर परिषद में इनको शामिल करने को लेकर विरोध दर्ज किया है। धनावां, टेकुना, खराटी, जान बिगहा, अमर बिगहा और मस्तपुरा के ग्रामीणों का कहना है कि उनका कृषि पर आधारित जीवन है। कृषि से ही उनका सारा काम चलता है। यहां सिंचाई की सुविधा नहीं रहने के कारण बारिश पर आधारित खेती होती है।
छह गांव में 5 से 6 सौ घरों की आबादी वाले इन जगहों में सरकार सुविधा की जगह टैक्स पर टैक्स लाद रही है। धनावां पंचायत में 93.5 प्रतिशत लोग किसान है, जिसमें 2.5 प्रतिशत नौकरी करने वाले लोग है। बाकी व्यवसाय पर आधारित है। सरकार के नगर परिषद की जो मानकता है, उससे बिल्कुल ही अलग है। ग्रामीणों को चाहिए खेती में सुविधा। जिसके तहत हर गांव में तालाब का सुविधा, बिजली की सुविधा, नल, नाली-गली की सुविधा दे। दूसरी है गलियों का, जिसकी सफाई को लेकर सरकार कोई ध्यान नहीं देती है। नगर परिषद बनने पर गांव की छोटी जमीन को लेकर बाहर के लोगों का आगमन अधिक होने लगेगा।
गांव के लोग धीरे-धीरे गांव से पलायन करना शुरु कर देंगे। ग्रामीणों ने कहा, सरकार सुविधा उपलब्ध कराएं। बैठक में भीष्म नारायण, जनार्दन मांझी, कुलदीप मांझी, सुरेंद्र पासवान सहित अनेक लोग शामिल थे।
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