उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार के सबसे बड़े जमींदार लालू परिवार 73 नहीं 141 भूखंड, 30 फ्लैट व आधे दर्जन मकानों का मालिक हैं। मात्र 29 साल की उम्र में तेजस्वी यादव 52 से ज्यादा सम्पत्ति के मालिक कैसे बन गए, इसका जवाब वे आज तक नहीं दे पाए। राबड़ी देवी पटना शहर में 43 भूखंड के अलावा 30 से ज्यादा फ्लैट की मालकिन हैं। तेज प्रताप 28 सम्पत्ति के तो मीसा भारती 23 से ज्यादा सम्पत्तियों की मालकिन हैं।
मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि जब उनके पास कोई पुश्तैनी सम्पत्ति नहीं थी, इंटर की पढ़ाई भी नहीं कर पाए, क्रिकेट में भी विफल रहे तो आखिर ऐसी क्या योग्यता थी, जिसके बलबूते 52 सम्पत्ति के मालिक बन गए? लालू परिवार द्वारा बनाई गई खोखा कम्पनियों की 30 से ज्यादा सम्पत्तियां ईडी और इनकम टैक्स द्वारा जब्त की गई हैं। इनमें डिलाइट मार्केटिंग की 11, ए.के. इन्फोसिस्टम्स की 10, एब.बी. एक्सपोट्र्स की 1, मिशेल पैकर्स की 01 के अलावा राबड़ी देवी व हेमा यादव के नाम की 7 परिसम्पत्तियां बेनामी एक्ट, 1988 के तहत जब्त की गई है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राबड़ी देवी के पटना के 30 फ्लैट में से 8 फ्लैट एक ही दिन बालू माफिया सुभाष यादव एवं राजद के संदेश से विघायक व बलात्कार के मामले में आरोपित अरुण यादव ने 4 करोड़ 28 लाख का भुगतान कर खरीदा था। लालू यादव के रेलमंत्रित्व काल में रेलवे के दो होटलों को लीज पर देने के एवज में उनका परिवार डिलाइट मार्केटिंग कम्पनी का इस्तेमाल कर पटना के रूपसपुर में साढ़े तीन एकड़ जमीन का मालिक बना जिस पर तेजस्वी यादव 750 करोड़ की लागत से ‘बिगेस्ट मॉल ऑफ बिहार’ का निर्माण करा रहे थे। फेयर ग्रो नामक फर्जी कम्पनी के जरिए लालू परिवार टाटा स्टील के पटना स्थित गेस्ट हाउस का मालिक बन गया।
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