राज्य में कोरोना की जांच रैपिड किट से जल्द शुरू होगी। इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च ने बड़े पैमाने पर जांच के लिए सोमवार को इसकी मंजूरी दे दी है। यह काफी सस्ती जांच है। देश में साउथ कोरियन इस किट का निर्माण हरियाणा के मनेसर और उत्तरप्रदेश के गुड़गांव में होने लगा है। इस किट से 15 मिनट में कोरोना जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। इस किट से जांच पॉजिटिव आने पर दोबारा आरटी-पीसीआर मशीन से कनफर्म होने की जरूरत नहीं होगी। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मतलब मरीज कोरोना पॉजिटिव है।
इससे फायदा होगा कि काफी कम समय अधिक संक्रमित व्यक्ति की जानकारी मिल जाएगी। बताया जा रहा है कि रैपिड किट से एक दिन में 10 हजार से अधिक जांच की जा सकती है। किट से साधारण तकनीशियन भी जांच कर सकते हैं। जांच करने के लिए नाक का स्वाब लिया जाएगा। और 15 मिनट में रिजल्ट मिल जाएगा। ध्यान रहे कि इसी किट से जांच करने कि वकालत पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह ने पहले ही की थी।
देश में निर्माण होने पर जांच किट की कीमत होगी काफी कम
अभी जिस तकनीक से कोरोना की जांच हो रही है वह काफी महंगी है। रैपिड किट टेस्ट काफी सस्ती होगी, क्योंकि इसका निर्माण देश में शुरू हो गया है। इसके अलावा आरटी-पीसीर से कोरोना जांच की रिपोर्ट मिलने में पांच से छह घंटे का समय लग जाता है। पर इस किट से जांच 15 मिनट में हो जाएगी। एक दिन काफी संदिग्ध मरीजों की जांच की जा सकेगी।
रिपोर्ट के लिए इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। आरटी-पीसीआर मशीन से एक दिन में पुल सैंपल के माध्यम से 400 से 500 सैंपल की ही जांच संभव है। पीसीआर मशीन से जांच करने में 4000 से 5000 हजार रुपए खर्च होते हैं जबकि दक्षिण कोरियन किट की कीमत 337 रुपए हैं। देश में निर्माण होने पर इसकी कीमत काफी कम होगी।
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