उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि आजादी के बाद से ही पिछले 70 वर्षों से कांग्रेस शासित सरकारों ने पिछड़ी व अतिपिछड़ी जातियों को मुख्यधारा से काटे रखा। यही नहीं उनका वोट लेने के बाद भी उनके अधिकारों से उन्हें पूरी तरह वंचित रखा। इसी वजह से इनकी स्थिति दिन व दिन दयनीय होती चली गई। पहली बार पिछड़ों-अति पिछड़ों को उनका वास्तविक अधिकार केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने दिया। पिछड़ों के अधिकार को संवैधानिक दर्जा देकर इस खाई को पाटने का काम किया। उपमुख्यमंत्री सोमवार को भाजपा के प्रदेश दफ्तर में पार्टी के ओबीसी मोर्चा की कार्यसमिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार में राजद और कांग्रेस की सरकारें पिछड़ों-अतिपिछड़ों की दयनीय स्थिति की जिम्मेवार है। यूपीए की सरकार ने ही गरीब गुरबों को पलायन के लिए मजबूर किया। उनके शासनकाल में बिहार में अपहरण, लूट, रंगदारी व हत्या का तांडव होता रहा। बिहार में अपराध उद्योग खड़ा हो गया था।
प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार के कोई भी पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग मुख्यधारा से अलग न हो, इसके लिए भाजपा शुरु से ही संकल्पित रही है। उसकी प्राथमिकता में पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग का कल्याण रहा है। कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि पिछड़ों-अतिपिछड़ों से कृषि को अपनी ताकत बनाने की अपील की।
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि पिछड़ा अतिपिछड़ा समाज राज्य के निर्माण में अग्रिम पंक्ति में रहा है। उसने अपनी मेहनत से सूबे के विकास को दिशा दी है। सबसे साथ कंधा से कंधा मिलाकर चला है। राजद-कांग्रेस सरकार ने उनके साथ छल किया। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज को योगदान को कोई नहीं भूल सकता।
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