प्रखंड के एक प्राइवेट स्कूल के डायरेक्टर ने शादी का झांसा देकर तीन वर्षों तक विद्यालय के ही एक शिक्षिका यौन शोषण किया है। मामला सोनो स्थित संत जेवियर्स स्कूल से जुड़ा है। शिक्षिका ने थानाध्यक्ष को मामले की जानकारी देते हुए आरोपी निदेशक सुनील कुमार पर प्राथमिकी दर्ज करवाई है। निदेशक पूर्व से शादीशुदा हैं। बेटी की पढ़ाई के सिलसिले में पत्नी कोलकाता में रहती है। पीड़ित शिक्षिका का कहना है कि निदेशक ने उसे इस बात की जानकारी नहीं दी। उसे गुमराह किया और पत्नी के साथ तलाक का नकली कागज दिखाकर उसकी जिंदगी को तबाह कर दिया है।
देवघर में है निदेशक का मकान
पीड़ित शिक्षिका ने बताया कि देवघर में ही निदेशक का अपना मकान है पर वह उसे किराए के मकान में रखता था। निदेशक के देवघर स्थित मकान में उसकी पत्नी रहती थी, जहां वह दो-चार दिन बाहर जाने का बहाना बनाकर जाया करता था। जब उसे इस बात की जानकारी मिली तो उसने इसका विरोध किया। जिस पर निदेशक उसे धमकी देने लगे। कोल्ड ड्रिंक्स में नशे की गोली मिलाकर उसकी आपत्तिजनक अवस्था में फोटो ले ली और जिसे वह फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर वायरल कर देने की धमकी दिया करता था। निदेशक ने मोबाइल व रुपया पैसा भी ले लिया। किसी तरह जान बचाकर भागकर मां के पास पहुंची। पीड़ित शिक्षिका ने थानाध्यक्ष से उसकी इज्जत के साथ खिलवाड़ करने वाले निदेशक पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। शिक्षिका ने इस आशय की जानकारी डीआईजी मुंगेर, एसपी जमुई, डीएसपी झाझा व महिला आयोग पटना को भी दी है।
ऑफिस के काम से बुलाते, करते प्रेम की बातें
थानाध्यक्ष को दिए आवेदन में पीड़ित से 24 वर्षीय शिक्षिका ने बताया कि अप्रैल 2012 में उसने संत जेवियर्स स्कूल में शिक्षिका के पद पर योगदान दिया। उसकी कार्य कुशलता को देखकर निदेशक ने उन्हें सितंबर 2017 में विद्यालय का प्रिंसिपल बना दिया। इसके बाद वह उन्हें ऑफिस कार्य के लिए बराबर विद्यालय बुलाने लगे। इस दौरान वह उससे प्रेम-प्रसंग की बातें करते थे। शिक्षिका ने बताया कि निदेशक ने 21 जुलाई 2018 को ऑफिस कार्य के लिए उसे विद्यालय बुलाया। आरोप है कि निदेशक ने इस दौरान उन्हें स्प्राइट पीने को दिया। स्प्राइट पीते ही उसे नशा आ गया और वह गिर गई। शिक्षिका ने दावा किया है कि स्प्राइट में नशे की दवा या शराब मिलाकर उसे पिलाई गई और उसके बाद निदेशक ने नशे की हालत में उससे शारीरिक संबंध बनाया। जब उसे होश आया तो वह निदेशक के कमरे में थी और उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। जब उसने निदेशक से पूछा कि ऐसा क्यों किया तो उसने उससे शादी करने का वादा किया और पत्नी का दर्जा देने की बात कही। मंगलसूत्र और सिंदूर भी दिया। विद्यालय में कमरा दिया। जहां वह पति-पत्नी के रूप में रहने लगे। इसके बाद वह हमें देवघर ले गया जहां किराए के मकान में रखा। 5 मई 2020 तक दोनों पति-पत्नी के रूप में रहे।
डायरेक्टर के चारों फोन बंद
स्कूल के निदेशक से जब उनका पक्ष लेने की कोशिश की गई तो उनका सभी चार मोबाइल बंद मिले। इसके बाद उनके व्हाटसएप नंबर पर पक्ष लेने का मैसेज भी दिया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
आवेदन पर हुई प्राथमिकी
पीड़ित शिक्षिका द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है।
-राजेश कुमार, थानाध्यक्ष, सोनो
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