अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का अचानक यूं चला जाना पटना के लोगों को रुला गया। उनकी मौत की खबर सुनते ही लोग सब काम छोड़कर उनके घर की ओर दौड़ पड़े। इनमें कई ऐसे लोग भी थे जिन्हें सुशांत भैया-चाचा कहकर पुकारते थे। उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। उनका कहना था-सुशांत तो कभी स्टार जैसा लगा ही नहीं...। अब यादों में ही आबाद रहेगा हमारा यह गुलशन। सुशांत का बचपन का नाम गुलशन है।
सुशांत सिंह राजपूत … बॉलीवुड एक्टर, सेंट कैरेंस का एल्युमनी, राजीव नगर का छोरा, कैप्टन और न जाने क्या क्या लोग उसे कहते थे। एक झटके में सबकुछ अतीत हो गया। सुशांत की मौत की खबर सबसे पहले उसके पिता को ही मिली। पिता केके सिंह रविवार की दोपहर भोजन के लिए डायनिंग टेबल पर बैठे ही थे कि मुंबई से एक मनहूस कॉल आया।
उधर से आवाज उनकी बड़ी बेटी रानी की ही थी और उन्होंने कहा कि सुशांत नहीं रहा। इतना सुनते ही पिता केके सिंह वहीं बेहोश हो गए। घर में लगभग 15 सालों से काम करने वाली लक्ष्मी को विश्वास ही नहीं हुआ कि दीदी क्या कह रही हैं। लक्ष्मी ने कहा कि हमलोगों का तो गुलशन ही उजर गया। सुशांत को घर में प्यार से लोग गुलशन ही बुलाते थे। रविवार की दोपहर आग की तरह यह खबर फैली कि सुशांत ने मुंबई स्थित अपने घर में सुसाइड कर लिया।
राजीव नगर के उनके उषा सिंह हाउस स्थित घर पर लोगों, रिश्तेदारों और फैन्स की भीड़ लगने लगी। देर रात तक लोगों का आना-जाना लगा रहा। इधर खादी ग्राम उद्योग विभाग से अधिकारी के पद से रिटायर पिता कृष्ण कुमार सिंह की स्थित बहुत खराब हो गई। डॉक्टर को इलाज के लिए बुलाना पड़ा। वे बार बार गुलशन गुलशन कह कर बेहोश हो जा रहे थे।
लगाने पड़े अतिरिक्त जवान
इधर जैसे जैसे खबर प्रसारित हो रही थी रोड नंबर छह में लोगों के आने का सिलसिला शुरु हो गया था। गणमान्य के साथ साथ सुशांत सिंह के फैन और स्थानीय लोग काफी संख्या में उसके घर के पास जमा हो गए थे। विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजीवनगर थाने पुलिस को मौके पर लगाया गया। बाद में शास्त्रीनगर पुलिस भी मौके पर पहुंची।
कल शाम हुई थी आखिरी बातचीत
लक्ष्मी ने कहा कि एक दिन भी ऐसा नहीं बीता होगा कि गुलशन का फोन नहीं आता था। शनिवार की शाम उसका फोन आया था। पापा से बात करने के बाद मुझसे बात की और कहा- दीदी कोरोना से बचके रहिएगा। पापा का ख्याल रखिएगा। बाहर मत निकलिएगा। हमने मजाक में कहा कि तुम रहो मुंबई में हम ख्याल रख लें। तुम अपना ख्याल रखो।
मामा ने कहा- भांजे की हुई हत्या, सीबीआई से जांच करवाए सरकार
राजपूत महासभा के मुख्य प्रवक्ता आरसी सिंह सुशांत की मां उषा सिंह के फुफेरे भाई हैं। आरसी सिंह ने कहा कि मैं अपने भांजे को बचपन से जानता हूं। बहुत साहसी था, दिलेर था वो। जब संघर्ष के दिन थे तब तो वह विचलित नहीं हुआ। अचानक यह सब कैसे हो गया। वह आत्महत्या नहीं कर सकता है। उसकी हत्या हुई है। कुछ दिन पहले उसके मैनेजर ने सुसाइड किया था। उस पर अनावश्यक दबाव बनाया गया होगा। मैं केंद्र सरकार से पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करता हूं।
पूरे मोहल्ले में पसरा रहा मातम, पड़ोसियों के घर नहीं जले चूल्हे
घटना पर कोई सहसा यकीन नहीं कर पा रहा था। सुशांत सिंह राजीव नगर के रोड नंबर छह में ही पला बढ़ा था। इसलिए उसके बॉलीवुड स्टार होने के बाद भी अधिकांश लोग उसे अपना गुलशन ही समझते थे। रोड नंबर छह में जैसे जैसे जानकारी मिली लोगों ने दुकानें बंद कर ली। पूरे मुहल्ले में मातम पसरा रहा। उसके घर के आसपास चार पांच घर हैं किसी घर में चूल्हा तक नहीं चला। पड़ोसियों ने कहा कि हमलोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा है। इतना सहज था कि कभी लगा ही नहीं वह बड़ा एक्टर हो गया है। इस कारण हमलोगों को भी पीड़ा अधिक हो रही है।
राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने जताया शोक
राज्यपाल फागू चौहान ने फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के असामयिक मौत पर शोक जताया। कहा- इससे फिल्म जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत बिहार के रहने वाले थे। अपने अभिनय की बदौलत फिल्म जगत में बड़ी पहचान बनाई। दर्शकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय थे। उनका निधन हृदयविदारक घटना है।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनका निधन आघात की तरह है। ऐसे होनहार अभिनेता की मौत से केवल उनके फिल्मी चहेतों को ही नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों को गहरा सदमा पहुंचा है। कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्र, आप के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कुमार, मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ.शशिकांत, बिहार प्रदेश कला सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के महामंत्री रंजीत कृष्ण यादव, न्याय मंच के मनोज लाल दास मनु, पवन राठौर, दीपक कुमार सिंह, केशव पांडेय, रवि प्रकाश, कुमार गौरव आदि ने भी शोक जताया।
परिजनों से मिले डीजीपी, कहा-हमने प्रतिभावान कलाकार खाे दिया
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन की खबर सुनकर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय रविवार की शाम राजीवनगर स्थित उनके घर पहुंचे। सुशांत की मौत पर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए उनके पिता और अन्य परिजनों को सांत्वना दी। डीजीपी ने कहा कि घटना से वह निजी तौर पर बेहद व्यथित हैं। सुशांत के रूप में बिहार के साथ ही देश ने एक बहुत ही प्रतिभावान और उभरता हुआ कलाकार खो दिया है।
सुशांत से मिलने मार्च में जाने वाले थे उनके पिता, लॉकडाउन की वजह से नहीं जा सके
कुछ खास मित्रों ने बताया कि नवंबर में ही सुशांत की शादी होने वाली थी। अचानक यह सब क्या हो गया? सुशांत के मामा आरसी सिंह ने कहा कि चर्चा थी कि गुलशन की शादी नवंबर में है। लेकिन अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ था। परिजनों ने बताया कि पिता केके सिंह मार्च में ही बेटे के पास जाने वाले थे, लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से वे जा नहीं सके थे। अब जब लॉकडाउन खुला था तो घर वाले स्थिति समान्य होने का इंतजार कर रहे थे। स्थिति समान्य होते ही पिता सुशांत के पास मुंबई चले जाते।
मालूम हो कि सुशांत दसवीं तक दानापुर स्थित संत कैरेंस हाई स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद वे दिल्ली चले गए और वहीं से इंजीनियरिंग किया। सुशांत के साथ संत कैरेंस में 10वीं तक पढ़ने वाले उसके दोस्त जीवेश सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। लॉकडाउन के कारण वे भी पटना में ही फंसे गए। जीवेश ने कहा कि हमलोग साथ पढ़ते थे। सुशांत के साथ एक ही टेंपो से हमलोग स्कूल जाते थे। वह कॉमिक्स बहुत पढ़ता था। इतना बड़ा एक्टर बन गया था लेकिन स्वभाव नहीं बदला था। हां उसके पास समय की कमी हो गई थी लेकिन फेसबुक पर बातचीत हो जाती थी।
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