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संग्रामपुर के 10 हजार लोग राहत के लिए तीन दिनों से लालायित, माल-मवेशियों के साथ बांध पर रह रहे हैं 30 गांवों के लोग https://ift.tt/2CPpn57

संग्रामपुर प्रखंड में गुरुवार की मध्यरात्रि चम्पारण तटबंध के टूटने के बाद उत्तरी भवानीपुर, दक्षिणी भवानीपुर, डुमरिया, बरवां, भटवलिया, वीटीआर, दक्षिणी बरियरिया पंचायत के साठ गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है। इन गांव की करीब चालीस हजार से भी अधिक आबादी तीन दिनों से सूखे राशन, फांके और समाजसेवियों के सहयोग से मिले तात्कालिक भोजन के सहारे गुजर बसर कर रहे हैं। एक तरफ प्रशासन यह दावा कर रही है कि अधिकतर पीड़ितों तक सूखे राशन को पहुंचा दिया गया है और जो सूखे राशन से वंचित हुए हैं उनको कम्युनिटी किचन में भोजन कराया जा रहा है। लेकिन अभी तक गांव में फंसे करीब एक चौथाई लोगों तक राहत कर्मियों की पहुंच नहीं हो पाई है।
मुखिया मुनानी शर्मा, मुखिया के पति नन्हे सिंह, प्रमोद यादव, नागमणि सिंह आदि ने बताया कि जितने लोग प्रभावित हैं उनमें से मात्र एक चौथाई से कुछ अधिक लोगों तक ही सूखा राशन पहुंच पाया है। गांव में घरों की सुरक्षा के लिए छतों पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों तक भी राशन नहीं पहुंच पा रहा है। चारों तरफ अफरा तफरी और त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है। बांध पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों तक कुछ समाजसेवी व विधायक प्रतिनिधि लगातार सूखे
राशन का वितरण कर रहे हैं। लेकिन गांवों में फंसे लोगों तक ये लोग भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिस कारण उनकी स्थिति काफी दयनीय है। बाढ़ के बाद करीब 30 गांव के लोग बांध पर अपने मवेशियों के साथ आकर रह रहे है। जिनके पास न तो काना है और न साफ पानी की व्यवस्था। लोग प्लास्टिक के नीचे गुजर बसर कर रहे हैं। यहां कम्यूनिटी किचन भी नहीं है जहां उनके लिए भोजन बन सके। लोग केवल मिलने वाले सूखे राशन की पर जीवन यापन कर रहे हैं।एसडीएम धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने प्रभावित पंचायतों के मुखिया और जनप्रतिनिधियों के साथ रविवार को प्रखण्ड कार्यालय में बैठक कर प्रभावित लोगों तक अधिक से अधिक सहायता पहुंचाई जाए इसपर विचार विमर्श किया।

बनकट की महादलित बस्ती के घरों में घुसा बारिश का पानी

बड़कागांव पंचायत स्थित ठीकहा बनकट के महादलित बस्ती में बारिश एवं बाढ़ के पानी ने कई लोगों को घर से बेघर कर दिया है। पूरे गांव का वही हाल है। बहुत सारे परिवार ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। चूड़ा गुड़ खा कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अभी तक कोई सरकारी या सामाजिक लोग हालचाल लेने को नहीं आए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन के विरुद्ध अपना नाराजगी जाहिर किया तथा कहा कि कई दिनों से हम लोगों के घर में पानी जमा हुआ है। पर उन लोगों को कोई देखने को तैयार नहीं है।

वहीं महज 100 मीटर की दूरी पर बूढ़ी गंडक नदी उफान पर है जिसके पूर्वी तटबंध में कहीं-कहीं पानी का रिसाव भी हो रहा है। इससे ग्रामीण लोग भयभीत है। डर से लोग सही से रात में सो नहीं पा रहे हैं। वहीं ग्रामीण जोगिन माझी, रीना देवी, बिंदा माझी, संजू देवी, गीता देवी, बबीता देवी, शकीला देवी, प्रदीप राम, शिवम राम, चंदेश्वर मुखिया, नीलेश पटेल, तुलसी मुखिया, सुरेश मुखिया, सत्यनारायण साह, हीरालाल मुखिया सहित सैकड़ों लोगो ने सरकार एवं प्रशासन के व्यवस्था के खिलाफ विरोध किया।

इस संबंध में सीओ राजेश कुमार ने बताया कि बारिश के पानी अधिक होने के कारण बहुत सारे लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है। आपदा विभाग के नियमों के अनुसार वैसे सभी परिवार को हर संभव मदद की जाएगी।



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10 thousand people of Sangrampur have been craving for relief for three days, people of 30 villages are living on the dam with goods and cattle


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