मधेपुर प्रखंड की तीन लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। लगभग पांच हजार परिवार विभिन्न स्थलों पर विस्थापित होकर जिंदगी गुजार रहे हैं। इस दौरान पांच सौ से अधिक घर (फूस) क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। वहीं, छह लोगों की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हुई है। वहीं, एक की मौत सर्पदंश से हो चुकी है। बावजूद प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नहीं हो रहे है। रविवार को भास्कर टीम ने गेहूंमा व सुगरवे नदी में आई बाढ़ के कारण परबलपुर पंचायत के दलदल गांव का दौरा किया। इस दौरान वार्ड 6, 7 व 8 की स्थिति नारकीय बनी हुई है।
प्रतिदिन पानी घटते रहने के बावजूद भी लोगों की समस्याएं कम नहीं हुई है। घर-आंगन व सड़कों पर अभी भी पानी फैला हुआ है। पानी के बीच ही छोटे बच्चों के साथ रहना, खाना बनाकर खाना और मवेशियों को रखना लोगों की विवशता बनी हुई है। प्रखंड की सभी 26 पंचायतों में बाढ़ की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। हालांकि सभी गांवों के निचले हिस्से में बसे लोगों की परेशानी रविवार को भी यथावत थी। बाढ़ आने के पांचवें दिन भी ऐसे दर्जनों घरों में पानी फैला हुआ है। पीड़ित परिवार सांप-कीड़ों की भय से रतजगा कर समय व्यतीत कर रहे हैं।
5928 हेक्टेयर में लगी धान की फसल हुई बर्बाद
प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी कपिलदेव पासवान ने बताया कि इस वर्ष प्रखंड क्षेत्र में 7872 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें 5928 हेक्टेयर भूमि में बाढ़ पूर्व धान की रोपनी हो गई थी। उन्होंने बताया कि जुलाई महीने में अब तक दो बार बाढ़ आ जाने के कारण धान की फसल पूर्णत: बर्बाद हो चुकी है। किसानों के पास अब बिचड़ा भी उपलब्ध नहीं है जिससे पुनः धान की रोपाई की जा सके। बीएओ ने बताया कि जिले से फसल क्षति की रिपोर्ट नहीं मांगी गई है।
बाढ़ राहत और फसल क्षति मुआवजा देने की उठ रही है मांग
मुखिया महासंघ के प्रखंड अध्यक्ष दिवाकर प्रसाद यादव, भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक कुमार झा, दिवाकर झा, जदयू जिला महासचिव जीबछ झा, राजद प्रखंड अध्यक्ष मुमताज अंसारी, सीपीआइएम नेता राम नारायण यादव सहित अन्य राजनीतिक दलों के स्थानीय नेता व जनप्रतिनिधियों ने मधेपुर प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है। धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाने के कारण स्थानीय किसानों को फसल क्षति मुआवजा देने, जिनके फूस के घर गिर पड़े हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने तथा जिन परिवारों के घर आंगन में बाढ़ का पानी गया था, वैसे परिवारों का सर्वे कर उन्हें अनुदान राशि अविलंब उपलब्ध करवाने की मांग डीएम से की है।
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