जिले में बुधवार काे 79 नए काेराेना मरीज मिले। इनमें शहरी क्षेत्र के 38 मरीज हैं। आईएमए के पदाधिकारी, मायागंज अस्पताल की तीन नर्स व एक पुरुष कर्मचारी संक्रमित हुए हैं। इसके साथ ही अब जिले में काेराेना मरीजाें का आंकड़ा 1988 पर पहुंच गया। दूसरी ओर काेविड केयर सेंटर से 11 मरीजाें काे छुट्टी देकर घर भेजा गया। अब तक जिले के 780 मरीज ठीक हाे चुके हैं।
पुलिस लाइन में भी मिले मरीज
भीखनपुर गुमटी नंबर तीन, अलीगंज, मशाकचक, आदमपुर, तिलकामांझी, हुसैनाबाद, पिस्ता के पास, बूढ़ानाथ, छाेटी खंजरपुर, सराय, बड़ी खंजरपुर, पुलिस लाइन, भीखनपुर, सिकंदरपुर व अन्य इलाके में मरीज मिले हैं। इशाकचक में पति-पत्नी व उनका एक वर्ष का बच्चा संक्रमित मिला है। तिलकामांझी में पिता-पुत्र समेत तीन लाेग संक्रमित हैं। इनमें 12 वर्ष के दाे किशाेर हैं।सुल्तानगंज नगर परिषद कार्यालय के तीन और यूको बैंक शाखा के एक कर्मचारी के संक्रमित होने के बाद प्रशासन ने दोनों संस्थानों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। बुधवार को दोनों जगहों पर बैरिकेडिंग की गयी। फिलहाल सात दिन के लिए नप कार्यालय और बैंक को सील किया गया है। दोनों संस्थान स्टेशन रोड में अवस्थित हैं। आवश्यक सेवा के लिए ही इस रोड में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है।
सुल्तानगंज नगर परिषद कार्यालय और यूको बैंक सील, की गई बैरिकेडिंग
एनटीपीसी के 5 कर्मचारी सहित कहलगांव में 21 लोग संक्रमित
कहलगांव प्रखंड में बुधवार को 21 नए कोरोना मरीज मिले। अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डीएस डॉ. विवेकानंद दास ने बताया कि इनमें एनटीपीसी के पांच कर्मचारी, काजीपुर मोहल्ले का एक ग्रामीण डॉक्टर और विभिन्न गांवों के 15 लोग शामिल हैं। एनटीपीसी के कर्मचारियों की जांच जीवन ज्योति अस्पताल में करायी गयी थी। शेष की जांच अनुमंडल अस्पताल में एंटीजन किट से की गई। ग्रामीण डॉक्टर की गंभीर हालत देख उन्हें मायागंज अस्पताल भेज दिया गया है। बाकी मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है।
3 प्रखंडाें के 11 मरीजाें ने कोरोना से जीती जंग
काेविड केयर सेंटर से बुधवार काे तीन प्रखंडों के 11 काेराेना मरीजाें काे स्वस्थ्य हाेने पर छुट्टी देकर घर भेजा गया। डाॅ. दिवाकर ने सभी मरीजाें काे 14 दिन हाेम अाइसाेलेशन में रहने की सलाह व सात दिन की दवा देकर डिस्चार्ज किया।
नए लाॅकडाउन के दूसरे सप्ताह में नए मरीज व स्वस्थ हाेने वालाें में 80 फीसदी का अंतर
भागलपुर में लगातार नए मरीज मिल रहे हैं, लेकिन उस हिसाब से स्वस्थ हाेने वालाें की संख्या काफी कम है। 9 जुलाई से लगे लाॅकडाउन के दूसरे सप्ताह में 16 जुलाई से 22 जुलाई तक 594 मरीज मिले। जबकि इस अवधि में केवल 118 मरीज काे ही छुट्टी मिली। यह मिलने वाले मरीजाें का केवल 20 प्रतिशत है। यह बड़ा अंतर पिछले दिनों में बेतहाशा बढ़े मरीज के कारण हुआहै। अभी स्वस्थ होकर घर लौटने वालाें की संख्या कम है। हालांकि अभी विभाग के पास होम आइसोलेटेड मरीजों का आंकड़ा नहीं है, जिससे ठीक हुए लोगों की संख्या में कमी नजर आरही है।
डीएम लेंगे निर्णय-मरीज होम क्वारेंटाइन होंगे या आइसोलेशन सेंटर में जाएंगे
कोरोना मरीज होम क्वारंटाइन होंगे या आइसोलेशन सेंटर जाएंगे, यह फैसलाअब डीएम करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष हाेने के नाते डीएम को यह अधिकार दिया है। होम क्वारंटाइन के लिए मरीजों को टॉल फ्री नंबर 104 पर नाम, पता और मोबाइल नंबर रजिस्टर कराना होगा। फिर आशा कार्यकर्ता स्पॉट वेरिफिकेशन करेंगी कि मरीज के घर में प्रोटोकॉल के तहत सुविधा उपलब्ध है या नहीं। उसकी रिपोर्ट के बाद ही होम क्वारंटाइन की सुविधा मिलेगी। प्रभारी डीएम अरुण सिंह ने कहा है कि यदि अलग कमरा नहीं है या घर में बड़े, बुजुर्ग, गर्भवती महिला, बच्चे, हाई बीपी, निमोनिया, दमा, मधुमेह, किडनी व हार्ट के पेशेंट है, तो होम क्वारंटाइन की सुविधा नहीं मिलेगी।
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