सावन की तीसरी सोमवारी पर सुबह से ही हो रही बारिश के बीच श्रद्धालुअाें ने मंदिराें में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। हालांकि ज्यादातर मंदिराें के बंद हाेने की वजह से अधिकतर श्रद्धालुअाें ने घर में ही पूजा-अर्चना की। गली-मोहल्ले के छोटे मंदिर खुले थे, जहां भक्तों ने पूरी भक्ति भाव के साथ पूजा की। बेल पत्र, फूल, दूब, बेल, दही, गुड़, अक्षत, हल्दी, रोली के साथ भगवान शिव की पूजा अाैर आरती की। सोमवार होने की वजह से मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया था।
जाे मंदिर हैं, उनमें पंडित और पूजारियों ने पूजा की। उन मंदिरों में सन्नाटा दिखा। कुछ श्रद्धालुओंने बंद मंदिरों के बाहर से पूजा-अर्चना की। भगवान को स्मरण कर मंदिर के मुख्य गेट पर ही पूजन सामग्री से पूजा कर दूध से भगवान शिव का अभिषेक करते हुए मंदिर की परिक्रमा भी की। सावन की तीसरी सोमवारी के साथ हरियाली अमावस्या पर 20 वर्षों के बाद सोमवती अमावस्या का पुण्य संयोग हुआ।
श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही शिव पूजन, रुद्रपाठ, पार्थिव निर्माण व अभिषेक, उपवास कर घर की बालकनी, छतों पर गमले में पौधा लगाकर हरियाली अमावस्या मनाया। तुलसी को सबसे पवित्र माना गया है। इसीलिए तुलसी का पौधा लगाकर जल, फूल, धूप, दीप से पूजा की गई।
महेंद्रू शिव मंदिर में हुआ शृंगार
सावन माह के तीसरे सोमवारी को शिवालय आम भक्तों के लिए बंद हैं। पुजारियों द्वारा ही पूजा अर्चना, शृंगार व बाबा का रूद्राभिषेक किए जा रहे हैं। महेंद्रू शिव महावीर मंदिर में बाबा का आकर्षक शृंगार हुआ। जिसमें शत्रुधन प्रसाद, कल्लू कुमार, मिनटन कुमार, सोनू कुमार राेहित आदि ने हिस्सा लिया। प्राचीन गायघाट स्थित गौरीशंकर मंदिर, माल्य महादेव मंदिर चैलीटाड़, बाबा मुक्तेश्वरनाथ मंदिर तारणी प्रसाद लेन मंदिर में पूजा अर्चना हुई।
राबड़ी, तेजस्वी, तेजप्रताप ने की भगवान शंकर की आराधना
सावन की तीसरी सोमवारी को पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव व विधायक तेजप्रताप यादव ने भगवान शंकर की विशेष पूजा अर्चना की; उनसे लोगों की कोरोना से रक्षा करने की प्रार्थना की। तेजप्रताप ने कहा कि भगवान शिव की कृपा से हम सब कोरोना पर जरूर विजय पाएंगे।
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