पुलिस लाइन का परिसर नए दारोगा जो, अभी एकेडमी से दूर थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उनके चेहरे पर खुशी का भाव झलक रहा था। इस बीच एक महिला पीएसआई की ओर से आवाज आई। सर, कभी-कभी ऑन लाइन क्लास में शामिल नहीं होने की वजह से है कि रात्रि में ड्यूटी के कारण सूबह जाग नहीं पाते हैं मगर एक-दो दिन ऐसा हुआ अब ऑन लाइन क्लास नहीं छूटता है।
फिल्ड में ड्यूटी करने से आम लोगों से व्यवहार और वरीय के साथ रह कर बहुत कुछ जानने और समने का मौका मिल रहा है मगर केस डायरी नहीं समझ पाए हैं। शुक्रवार को दरभंगा पुलिस लाइन में राजगीर पुलिस एकेडमी से आए प्रशिक्षक पुलिस इंस्पेक्टर संजय कुमार झा को व्यवहारिक वर्क शॉप के दौरान दरभंगा जिला के विभिन्न थाना में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक खासकर महिला पुलिस अधिकारी ने यह बात कही।
वर्क शॉप शुरू होने के साथ ही इंस्पेक्टर झा ने महिला-पुरुष पीएसआई को संबोधित कर ऑन लाइन और थाना में रह कर ड्यूटी करने के बीच क्या प्रशिक्षण प्राप्त किए। इस बात को लेकर उन्होंने जवाब मांगा था। मालूम हो कि लॉकडाउन के बीच एकेडमी से यहां 49 पीएसआई को भेजा गया है। उनके यहां 2016 बैच की 34 महिला पीएसआई और 14 पुरूष प्रशिक्षु हैं। हालांकि एक और दूसरे ग्रुप के पीएसआई भी यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
इन सभी से पूछा गया था दस सवाल : इन सभी प्रशिक्षुओं से दस सवाल लिखित रूप से पूछा गया था। उनमें केस डायरी, एफआईआर, जख्म प्रतिवेदन, गिरफ्तारी मेमो, मृत्यु प्रतिवेदन आदि में अधिकांश प्रशिक्षुओं ने बेहतर जवाब दिया। सुबह साढे दस से तीन बजे दोपहर बाद तक यह वर्क शॉप चला। इंस्पेक्टर झा ने कहा कि जहां जिसे दिक्कत हो वह अपने वरीय या फिर एकेडमी के अधिकारियों से भी बात कर जानकारी हासिल करें। वहीं, उन्होंने सभी पीएसआई को कहा कि व्यवहारिक प्रशिक्षण बेहतर पुलिसिंग के लिए जरूरी है।
नहीं थी खाने-पीने की व्यवस्था: परीक्षा पुलिस लाइन में जरूर था मगर यहां खाना तो दूर पीने को पानी भी उपलब्ध नहीं था। इस बीच एक पुरुष पीएसआई की तबीयत खराब हुई और वह इलाज के बाद परीक्षा पुन: परीक्षा में शामिल हो सका।
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