पटना जिले के डुमरी गांव में रहने वाले प्रवीण कुमार को पारिवारिक बंटवारे के बाद कुछ भी नहीं मिला। उनके पिता के पास जो थोड़ी सी खेती की जमीन थी वह भी बिक गई। धीरे-धीरे घर की आर्थिक हालत बहुत ही खराब हो गई। प्रवीण की पढ़ाई भी ठीक से नहीं हुई। समय के साथ-साथ उनकी शादी भी हो गई और फिर बच्चे भी।
कभी कहीं कुछ काम मिल जाता तब तो गुजारा हो जाता वरना दाल-रोटी भी बड़े नसीब की बात होती थी। अब बेटा उन्नत कुमार ने पढ़ाई शुरू कर दी थी। एक स्थानीय स्कूल में ही एडमिशन हुआ था। उन्नत पढ़ाई में खूब मन लगाता था। बचपन से ही जैसे पुरानी किताबों से ही काम चलाने की आदत पड़ गई थी उन्नत को। अब उन्नत आठवीं कक्षा में पहुंच चुका था।
मां माधुरी देवी थोड़ा बहुत पढ़ी लिखी थी। उन्होंने गांव के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया ताकि गृहस्थी चलाने के लिए कुछ पैसों का इंतजाम हो जाए। तब तक गांव में मोबाइल फोन पहुंच चुका था। पिता ने कहीं से कुछ पैसे उधार लेकर मोबाइल की सिम और रिचार्ज कूपन बेचने का काम शुरू किया।
एक दिन जब उन्नत घर आया तब देखा कि मां बहुत बीमार है। खाट से उठने तक की हिम्मत नहीं हो रही थी। बाद में पता चला कि एक स्किन की गंभीर बीमारी है। मां के इलाज में पैसे भी काफी खर्च होने लगे। मोबाइल फोन के रिचार्ज कूपन और सिम कार्ड की बिक्री से इतने पैसे नहीं आते थे कि घर का खर्चा भी ढंग से चल सके। उन्नत नौवीं कक्षा में पहुंच गया था।
बीमार मां के इलाज की खातिर दिन-दिन भर सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटता रहता था। वह अगर मां के साथ हॉस्पिटल भी जाता था तब साथ में किताबें भी रख लिया करता था। जब तक डॉक्टर के पास जाने का नंबर नहीं आता था तब तक चुपचाप एक कोने में बैठकर पढ़ता रहता था। उन्नत दसवीं कक्षा में पहुंच गया। जब कोई उससे पूछता था कि तुम पढ़ाई में इतनी मेहनत क्यों कर रहे हो तब उसका एक ही जवाब होता कि उसे इंजीनियर बनना है।
उस दिन घर में सब बहुत खुश थे, जब उन्नत बहुत ही अच्छे अंकों से दसवीं कक्षा पास कर गया था। मां को लग रहा था जैसे उनका सपना पूरा हो गया है। परंतु, कुछ ही दिनों के बाद आगे की पढ़ाई की चिंता के चलते पूरे परिवार को घबराहट होने लगी। इधर उन्नत ने सुपर 30 के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठी कर ली थी। उसने सुपर 30 का एंट्रेंस टेस्ट दिया और उसका हिस्सा बन गया। मैंने देखा कि उसका मैथेमैटिक्स बहुत कमजोर था। मैंने उसे सिखया कि मैथेमैटिक्स को अच्छा करने के लिए उसके हाउ एंड व्हाई को समझो।
प्रत्येक फॉर्मूले को समझो। उसे रटो नहीं और उन्नत ने ऐसा ही किया। परीक्षा के नजदीक आने के काफी पहले ही वह मैथेमैटिक्स के साथ-साथ सभी विषयों में होशियार हो चुका था। उन्नत बहुत ही कॉन्फिडेंस के साथ आईआईटी का एंट्रेंस टेस्ट देने गया था। और रिजल्ट ने उसके कॉन्फिडेंस पर मुहर लगा दी। वह बहुत ही अच्छी रैंक के साथ आईआईटी एंट्रेंस टेस्ट क्वालीफाई कर गया था। उसका एडमिशन आईआईटी कानपुर में हुआ। मां बहुत खुश थी। अब तो उन्नत की पढ़ाई भी पूरी हो चुकी है।
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