Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

गेहूं की कीमत पर पंजाब, हरियाणा व यूपी से भूसा ला रहे ट्रक, वापसी में भर ले जा रहे श्रमिक https://ift.tt/3mLIkYn

(विकास कुमार) जिले में बाढ़ से लाेग तबाह हुए ही पशुओं के लिए भी काल बन गया। खेताें से मिलने वाले चारे पर ही पशु निर्भर थे, अब चहूंओर पानी ही पानी में चारा मिलना ताे दूर दिखाई भी नहीं देता है। इस विकट परिस्थिति ने दूसरे राज्याें के व्यापारियों के लिए आमदनी का मार्ग खाेल दिया। गेहूं की कीमत पर पंजाब, हरियाणा व यूपी के व्यापारी यहां भूसा लाकर बेच रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं।

वापसी में यहां के श्रमिकाें काे धान की कटाई के लिए पैसे का लालच देकर ट्रकाेें में भर कर ले जा रहे हैं। वहां के किसानाें से सस्ते दाम पर व्यापारी भूसा खरीद लेते हैं। यहां पर बाढ़ प्रभावित इलाके में लाकर धड़ल्ले से ऊंची कीमत पर बेच देते हैं।

सबसे अव्वल बात है कि जाे भूसा गांव में आसानी से सस्ते दामाें में उपलब्ध हाे जाता है। वहीं भूसा 1100- 1400 रुपए प्रति क्विंटल बेचा जा रहा है, जबकि बाजार में गेहूं 1500- 1600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से है। मुजफ्फरपुर-छपरा रेवा राेड में दर्जनाें जगहाें पर भूसा लदे ट्रक सड़क किनारे सुबह से ही खड़े रहते हैं। दाेपहर हाेते ही व्यापारी पूरे ट्रक का भूसा बेच कर अच्छी कमाई कर लेते हैं।

छाेटे वाहनाें पर लाद कर घर-घर पहुंचाने की व्यवस्था
मुजफ्फरपुर-छपरा रेवा राेड स्थित करजा चाैक, अख्तियारपुर, मड़वन चाैक, पताही हवाई अड्डा, सरैया बाजार के पास, जैतपुर, अंबारा, सारण के मकेर, अमनाैर व गड़खा आदि जगहाें पर भूसा लदे ट्रकाें काे सड़क किनारे लगाया जाता है। यहां तक कि यहां से छाेटे वाहनाें से घर-घर पहुंचाने की भी व्यवस्था इनलाेगाें ने कर रखी है।

नियमित अंतराल पर बारिश से गेहूं की कटाई के समय ही भूसा हाे गया बर्बाद | जिले में नियमित बारिश हाेने कारण गेहूं की कटाई के समय ही किसानाें का भूसा बर्बाद हाे गया। बाढ़ और जलजमाव के कारण 60 हजार पशुओं के समक्ष हरे चारे का संकट हाे गया। मजबूरी मेंं भूसा खरीद कर पशुओं काे खिलाना पड़ रहा है। जिसके कारण भूसे की डिमांड बढ़ती जा रही है और दाम आसमान छूते जा रहा है।

लाॅकडाउन में भी चारे की किल्लत से परेशान रहे पशुपालक
बाढ़ से पहले लाॅकडाउन में किसान पशुओं के चारे के लिए परेशान रहे। दूध नहीं बिकने की वजह से महंगें दाम पर चारे नहीं खरीद पा रहे थे। उस समय दूध की कीमत भी घट गई, जबकि पशु आहार व भूसे के दाम आसमान छूने लगे। जाे भूसा 400 से 500 रुपए क्विंटल मिलता था वह 1000 रुपए क्विंटल तक बिका। लाॅकडाउन के बाद थाेड़ी राहत मिली ताे बाढ़ ने फिर उसी जगह खड़ा कर दिया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Trucks hauling trucks from Punjab, Haryana and UP at the cost of wheat, workers are being replenished


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/300zw7A

Post a Comment

0 Comments