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व्हाट्स एप ग्रुप से सावधान, चुनाव होते ही ग्रुप डिलिट और वोट लेकर कोई छू-मंतर होगा https://ift.tt/3mUvBD0

आप अब तक किसी न किसी व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ चुके होंगे। कुछ ग्रुप पहले से बने होंगे जिनसे आप जुड़ने के बाद अलग नहीं हो सके होंगे। कुछ ग्रुप चुनाव के कारण बन गए हैं जिनसे आप आगे चल कर अलग नहीं हो पाएंगे। इस ग्रुप में आपकी पसंद के लोग हैं। कोई चाचा बन कर सही बता रहा है तो कोई मौसा बन कर सही बता रहा है।

व्हाट्स एप ग्रुप में रहने वाले मतदाता की एक खास बात होती है। उनका दिमाग ललाट के ऊपर नहीं होता है। हाथ में होता है। जैसे ही इनबाक्स में रंग-बिरंगा मीम आता है दिमाग की जगह हाथ चलने लगता है। हर झूठ को एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में पहुंचाने का काम शुरू हो जाता है। मैसेज वायरल हो जाता है।

बिहार के मतदाता भी व्हाट्सएप ग्रुप में कैद हुआ

बिहार का मतदाता भी व्हाट्स एप ग्रुप में कैद हो चुका है। उसे अपना भविष्य नहीं दिखाई दे रहा है, व्हाट्स एप ग्रुप में आया रंग-बिरंगा मीम दिखाई दे रहा है। मीम ही तो पोस्टर है। इसका खर्चा चुनाव आयोग को भी पता नहीं है और जिसकी चर्चा मीडिया को पता नहीं है।
चुनाव अब मैदान में नहीं, व्हाट्स एप ग्रुप में होते हैं। नेता जी अब जनता का काम नहीं करते हैं। जनता नेताजी का काम करती है। उसका काम नेताजी को जीताओ ग्रुप में जुड़ना और उनके मैसेज को एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में ठेलना रह गया है। जनता की गर्दन अकड़ गई है। नेता जी की गर्दन तन गई है। नेता जी एक मैसेज एक ग्रुप में ठेल कर मस्त हैं।

जनता जी उस मैसेज को एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में ठेलने में व्यस्त है। उन्हें कोई नहीं पूछ रहा है। हर ग्रुप की डीपी में फोटो नेताजी का है। किसी डीपी में नेता जी दायें देख रहे हैं, किसी डीपी में बायें। किसी डीपी में आंख मिला कर मुस्कुरा रहे हैं, किसी डीपी में घूर रहे हैं। व्हाट्स एप के ग्रुप के कारण जनता की गर्दन झुक गई है। वो अब नीचे देख कर चलती है।

इसलिए पता नहीं कि शहर का अस्पताल कैसा है। पता नहीं कि बच्चों का स्कूल और कॉलेज कैसा है। पता नहीं कि शहर का बाकी हाल कैसा है। जनता जी को लगता है कि उन्हें कोई स्पेशल मैसेज आया है। उनके पास जो पोस्टर आया है वही सच कहता है।

सब गलत को सही मानकर खुश हुए जा रहे

सब अकेले-अकेले सोच रहे हैं। अपनी कॉपी किसी को नहीं दिखाना है। सब गलत जवाब को सही समझ कर खुश हुए जा रहे हैं। चुनाव में जनता सबकी सुनती थी। अब व्हाट्स एप ग्रुप की जनता सबकी नहीं सुनती है।

एक को सुनती है एक को देखती है एक की बात करती है, बाकी पर हंसती है, बाकी को नहीं पढ़ती है और बाकी की बात नहीं करती है। एक ही नेता, एक ही बात के पीछे-पीछे भागती हुई जनता अकेली हो गई है। उसे अब ग्रुप का ही सहारा है। जितना ज्यादा ग्रुप से जुड़ेगी, उतना ज्यादा पावरफुल होगी।
व्हाट्स एप ग्रुप में तरह-तरह के नेता उपलब्ध हैं। बिना ग्रुप का कोई नेता नहीं बन सकता है। स्मार्ट फोन ने जनता को विकास का सबसे बड़ा मॉडल दिया है। अकेले मूर्ख बनने के अपराध बोध से बचें। आइये। व्हाट्स एप के ग्रुप से जुड़ें। ग्रुप में जुड़ कर डीएसपी से रिटायर हुए शर्मा जी भी मूर्ख बन रहे हैं, प्रिंसिपल पद से रिटायर हुए सिंह साहब भी।

ग्रुप में कोई एक मूर्ख नहीं है। वहां हर आदमी दूसरे आदमी को मूर्ख बनाता है और मूर्ख बनकर हर आदमी को लगता है कि वह सही है। अगर सारे लोग गलत हो जाएं तो उसे सही मान लिया जाएगा। जैसे ही किसी को शक होता है और पूछ देता है उसे ग्रुप से बेदखल कर देता है।

ग्रुप से निकाल देना मतलब गांव और घर से निकाल देना। ऐसी बेइज्जती बर्दाश्त करने की शक्ति सबमें नहीं होती है। इसलिए कई लोग फोन कर खुद को वापस ग्रुप में जुड़वा लेते हैं। संगठन में शक्ति हैं। जुड़ते ही मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं। एक व्यक्ति एक मत का जमाना गया। सौ ग्रुप मगर एक मत का जमाना आया है।

अगर आप अलग सोचते हैं तो अपने दिमाग की धुलवाई कराएं। व्हाट्स एप ग्रुप के धोबी घाट पर जाएं। हर ग्रुप में नेता जी का एक आदमी बैठा है। जो आपके दिमाग पर मीम और पोस्टर मार-मार कर सोचने समझने की शक्ति समाप्त कर देगा। आप पर बैसाख का नशा चढ़ जाएगा। दिखेगा कुछ नहीं। बुझाएगा कुछ नहीं। चुनाव बीत जाएगा।

आप दांत चियारते रह जाएंगे। इसलिए हे मतदाता, व्हाट्स एप ग्रुप से सावधान! चुनाव के वक्त में आप अपनी गर्दन ऊपर करें। नजर सामने करें। अगल-बगल देखें। बात करें। सोचें और फैसला करें।

व्हाट्स एप ग्रुप में जो हो रहा है वह सत्य नहीं
व्हाट्स एप ग्रुप में जो हो रहा है वह सत्य नहीं है। वह एक भ्रम है। आपकी गर्दन में दर्द होगा। चश्मे का नंबर बढ़ जाएगा। नीचे देखकर चलेंगे तो दीवार से टकरा जाएंगे। खुद को व्हाट्स एप ग्रुप से आजाद करें। मोबाइल फोन से ग्रुप डिलिट करें। ग्रुप वो स्थान है जहां मतदाता नजरबंद किया जाता है। अपनी नजरों से पर्दा हटाइये। चुनाव को व्हाट्स एप ग्रुप का खेल मत बनाइये। चुनाव होते ही ग्रुप डिलिट हो जाएगा। आपका वोट लेकर कोई छू-मंतर हो जाएगा।



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रवीश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार।


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