देश के कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर के बाद राज्य सरकार सतर्क हो गई है। राज्य के लिए 15 दिन काफी महत्वपूर्ण है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को आरटीपीसीआर से होने वाली कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को प्रतिदिन 20 हजार जांच आरटीपीसीआर से करने का लक्ष्य दिया है।
अभी राज्य में इस मशीन से होने वाले जांचों की संख्या 12-14 हजार के करीब है। मुख्यमंत्री भी इसे बढ़ाकर 20 हजार से अधिक करने का निर्देश कई बार दे चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जांच की संख्या बढ़ाने के लिए अलग-अलग निर्देश दिया है। विभाग आरटीपीसीआर के साथ-साथ ट्रू-नेट जांच की संख्या भी बढ़ाने की तैयारी है। राज्य के सभी जिला स्तरीय अस्पतालों के साथ-साथ टीबी अस्पतालों इस जांच की सुविधा है।
अभी फिलहाल दस हजार के करीब ट्रू-नेट प्रतिदिन जांच की जा रही है। इससे बढ़कर संक्रमित मरीजों की जांच की जा रही है। वैसे हकीकत यह भी है कि रैपिड एंटीजेन से हुई जांच में मात्र सवा दो फीसदी मरीज ही पॉजिटिव निकले हैं। पटना जिले में अब तक रैपिड एंटीजेन से 670836 सैंपल की जांच हुई है, जिसमें से 15471 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं, आरटीपीसीआर की जांच में 18 फीसदी मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
आरटी-पीसीआर में 142165 जांच 26360 पॉजिटिव, रैपिड में 670836 में 15471 पॉजिटिव
आरटी-पीसीआर से पटना जिले में 142165 सैंपल की जांच अब तक हुई है, जिसमें से 26360 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एंटीजन से करीब एक चौथाई जांच आरटीपीसआर से हुई, लेकिन इसमें निकलने वाले पॉजिटिव मरीजों की संख्या उससे दोगुनी के करीब है। बिहार आईएमए के वरीय उपाध्यक्ष डाॅ. अजय कुमार का कहना है कि एंटीजन जांच स्क्रीनिंग के लिए अच्छा है। लेकिन, इसका रिजल्ट 40 से 60 फीसदी ही सही है। इस जांच में जो निगेटिव पाए जाते हैं, उनकी आरटीपीसीआर जांच कराई जानी चाहिए।
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