पटना की आबोहवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। शहरवासियों को राहत की सांस नहीं मिल रही है। फरवरी के बाद पहली बार बुधवार को पटना के 24 घंटे का एवरेज एक्यूआई लेवल 316 पर पहुंच गया। एक-दो इलाकों में एक्यूआई लेवल गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी है, जबकि मंगलवार को एक्यूआई लेवल 288 था। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का मानक कहता है कि अगर एक्यूआई लेवल 301 से पार है तो वहां की हवा बहुत खराब है। सोमवार से ही राजधानी में तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। हर दिन एक्यूआई लेवल में वृद्धि हो रही है। शहर की छह मॉनिटरिंग मशीनाें में दानापुर, तारामंडल, पटना सिटी में एक्यूआई लेवल तेजी से बढ़ रहा है। मुजफ्फरपुर का एक्यूआई लेवल 268 है, जबकि गया का 176 है। दोनों जगहों पर पटना की तुलना में वायु प्रदूषण कम है।
तेज हवा या बारिश से ही इसमें कमी संभव
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष एके घोस ने बताया कि ठंड के मौसम में गर्म हवा ऊपर की ओर जाती है और ठंडी हवा नीचे की ओर आती है। इस कारण धूल-कण हवा में घुल-मिल जाते हैं। प्रदूषित हवा नीचे रह जाती है। जब तेज हवा चलेगी तो प्रदूषण में कमी आएगी। बारिश हाेने पर भी वायु प्रदूषण में कमी आएगी। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न विभागों से बातचीत चल रही है।
पटना के कुछ इलाकों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर
पटना की हवा में अचानक अधिक प्रदूषण घुल-मिल गया है, जिसके कारण सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के लगे मॉनिटरिंग मशीन में शाम 5:05 बजे का अपडेट रिपोर्ट के माने तो दानापुर डीआरएम ऑफिस के मशीन में एक्यूआई लेवल 412 है। दिल्ली की तुलना में पटना के दानापुर में एक्यूआई लेवल एक कम है। गांधी मैदान में 254, ईको पार्क में 291, बीआईटी मेसरा में 259 और पटना सिटी में 321 है। मुजफ्फरपुर में एक्यूआई लेवल 268 है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए हो रहे ये काम
- सड़क पर धूल कण न उड़ें, इसके लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा।
- जहां पर भवन निर्माण या गंगा बालू गिराया जा रहा है, उसे ढंकने का निर्देश दिया गया है।
- डीजल ऑटो को सीएनजी में कर्न्वट करने की कवायद चल रही है।
- शहर के आस-पास के ग्रामीण इलाकों में ईंट-भट्ठा खोलने के लिए नया लाइसेंस नहीं दिया जा रहा है।
- पुरानी तकनीक से चलने वाले ईंट-भट्ठों को बंद कराया जा रहा है।
- डीजल की जगह इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की प्रक्रिया चल रही है।
- जिस एरिया में कोयला या फैक्ट्री से धुआं अधिक निकलता है, उन जगहों की निगरानी की जा रही है।
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