माता सीता की जन्मभूमि। नारी शक्ति का प्रतीक । पिछले चुनाव में यहां के लोगों ने चार महिलाओं को विधायक चुन कर इस धारा को मजबूती दी थी। एक बार फिर अलग- अलग दलों से यहां कई महिलाएं किस्मत आजमा रहीं हैं। संभव है कि उनमें से कुछ विधानसभा भी पहुंचें। जिले में दो चरणों में चुनाव है। पर, सभी आठ सीटों पर चुनावी बयार पूरी रफ्तार में है।
विकास के सवाल मैदान में डंटे निवर्तमान विधायकों को चुभते शूल सरीखी लग रही हैं। ऐसा हो भी क्यों नहीं? शहर के प्रवेश द्वार पर जाम पसीना छुड़ाने के लिए काफी है। स्टेशन होकर मुख्य बाजार में जाना हर दिन लोगों के लिए टेढ़ी खीर साबित होती है। बस स्टैंड यहां से हटाकर दूसरी जगह ले जाने का मुद्दा चुनाव के वक्त गरमाता है, फिर ठंडे बस्ते में चला जाता है।
मेहसौल रेलवे ओवरब्रिज का काम आज भी रेलवे ने इसलिए अधूरा छोड़ रखा है कि दोनों तरफ पहुंच पथ की स्वीकृति राज्य सरकार से अब तक नहीं मिल पाई है। रामायण सर्किट के जरिए पंथ पाकड़, पुनौराधाम, जानकीस्थान और हलेश्वर स्थान के विकास की बातें खूब हुईं, काम भी शुरू हुआ, पर अब ठप पड़ा है।
और तो और जनकपुर जाने के लिए सीतामढ़ी से भिट्ठामोड़ सड़क की बदतर स्थिति का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि लोग सीता-राम का जप करते पूरा रास्ता नापते हैं। बार्डर से सटे होने के कारण पड़ोसी देश नेपाल से बनते- बिगड़ते रिश्ते का सीधा असर यहां पड़ता है।
महिलाओं की मजबूत दावेदारी चुनावी गणित रोचक
सीतामढ़ी
आरजेडी के निवर्तमान विधायक सुनील कुमार को बीजेपी के डॉ मिथिलेश कुमार चुनौती दे रहे हैं। सुनील कुमार पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़नेवाले सुनील कुमार पिंटू को शिकस्त देकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। यहां से 12 प्रत्याशी मैदान में हैं, पर यहां भाजपा और आरजेडी के बीच सीधा मुकाबला है।
बाजपट्टी
पूर्व मंत्री डॉ रंजू गीता एक बार फिर से जदयू की उम्मीदवार हैं। उन्हें राजद के मुकेश यादव चुनौती दे रहे हैं। पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहीं रेखा गुप्ता इस बार रालोसपा टिकट पर मैदान में हैं। यहां मुकाबला त्रिकोणीय और बेहद रोचक है। इस क्षेत्र से इस बार 20 प्रत्याशी हैं।
रुन्नी सैदपुर
राजद ने निवर्तमान विधायक मंगीता देवी पर फिर से भरोसा जताया है। जदयू ने पंकज कुमार को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में पंकज रालोसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए जदयू की पूर्व विधायक गुड्डी देवी लोजपा के टिकट पर मैदान में हैं। यहां से कुल 9 प्रत्याशी मैदान में हैं।
सुरसंड
राजद ने अपने निवर्तमान विधायक सैयद अबू दोजाना को मैदान में उतारा है। जदयू ने बिल्कुल नया चेहरा रुन्नीसैदपुर के रहने वाले एमएलसी दिलीप राय को तो लोजपा ने माधव चौधरी को मैदान में उतारा है। मुस्लिम बहुल इस इलाके में राजद और जदयू के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है। यहां से 16 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।
बेलसंड
जदयू ने निवर्तमान विधायक सुनीता सिंह चौहान को टिकट दिया है। वहीं, राजद ने पूर्व विधायक संजय गुप्ता को मैदान में उतारा है। लोजपा ने नसीर अहमद उर्फ लाल को टिकट दिया है। यहां से रालोसपा ने ठाकुर धर्मेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाकर सभी को चौंकाया है। सिंह, पूर्व में शिवहर के राजद अध्यक्ष रह चुके हैं।
परिहार
राजद ने सिंहवाहिनी पंचायत की चर्चित मुखिया ऋतु जायसवाल को मैदान में उतार कर सभी को चौंका दिया। वह निवर्तमान एमएलए गायत्री देवी चुनौती दे रहीं हैं। राजद नेता रामचंद्र पूर्वे का कार्यक्षेत्र रहे इस विधानसभा क्षेत्र से 13 प्रत्याशी हैं। लेकिन, यहां सीधा मुकाबला राजद और भाजपा के बीच में ही दिख रहा है।
बथनाहा (सु)
भाजपा ने निवर्तमान विधायक दिनकर राम का टिकट काट कर झारंखड में अभियंता रहे अनिल राम को विधानसभा पहुंचने का मौका दिया है। वहीं, कांग्रेस ने संजय राम को टिकट दिया है। यहां रालोसपा के चंद्रिका प्रसाद दमदारी के साथ मुख्य मुकाबले में हैं। यहां से 14 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं।
रीगा
कांग्रेस ने अपने निवर्तमान विधायक अमित कुमार टुन्ना को फिर से टिकट दिया है। बीजेपी ने पूर्व विधायक मोतीलाल प्रसाद को मैदान में उतारा है, जबकि बीएसपी की मुन्नी सिंह यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटीं हैं। इस क्षेत्र से जिले में सर्वाधिक 22 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
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