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नाले में गंदा पानी, खाते में 254 करोड़ और कबाड़ हो गई योजना https://ift.tt/3nHf05y

यह तस्वीर टीएमबीयू के पास बंद पड़े जर्जर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की है। इसे चालू करने की योजना 2017 में बनी। 2018 में केंद्र व राज्य सरकार की टीम ने सर्वे किया। 28 फरवरी 2019 को नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा से 254.13 करोड़ के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की नींव भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रख दी। 22 माह बीत गए, लेकिन टेंडर नहीं हो सका।

इसकी प्रक्रिया ही वित्तीय पेेच में फंस गई। सरकार ने इसके पूरे होने का लक्ष्य 2020 रखा था, लेकिन यह साल भी बीतने को है। ऐसे में पूरे परिसर में प्लांट के पार्ट्स कबाड़ की तरह पड़े हैं।

ताे 45 एमएलडी पानी हाे जाता साफ

नया प्लांट से 45 एमएलडी पानी साफ होना है। इससे जमुनिया धार और चंपानाला के पानी को ट्रीट कर गंगा में बहाने की योजना है। प्लांट यदि चालू होता तो शहर की नालियों में बह रहे गंदे पानी को गंगा में जाने से रोका जाता। इससे शहर की गंदगी कम होती। गंगा का पानी भी साफ होता।



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फोटो जर्नलिस्ट |शशि शंकर


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