गांव के लोग अपने अंचलों में अब माॅडर्न रिकार्ड रूम का लाभ उठायेंगे। प्रदेश के सभी 534 अंचल कार्यालयों में माॅडर्न रिकार्ड (डाटा केन्द्र-सह-आधुनिक अभिलेखागार) रूम बनाये जा रहे हैं जिनमें 436 अंचलों में ये तैयार हैं।
इन डाटा केन्द्रों में कैडेस्ट्रल/रिविजनल/चकबंदी खतियान, सरकारी भूमि के विस्तृत ब्यौरे के अतिरिक्त हरेक तरह के राजस्व दस्तावेज रहेंगे। इस डाटा केन्द्र से डिजिटाईज्ड दस्तावेज मामूली शुल्क लेकर लोगों को मुहैया कराये जाएंगे।
अंचल स्तर पर कम्प्यूटर केन्द्रों के माध्यम से जमीन मालिकों को शीघ्रता से डिजिटाईज्ड भू-अभिलेखों की कम्प्यूटराईज प्रति मिलेगी। जिला अभिलेखागार में रखे गए राजस्व अभिलेखों को स्कैनिंग और डिजिटाईजेशन के बाद संबंधित अंचल के माडर्न रिकार्ड रूम में ही रखे जाने की योजना है। यही नहीं विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत तैयार किये गए अद्यतन मानचित्र एवं खतियान का विधिवत रूप से अंतिम प्रकाशन करते हुए इसकी साफ्ट काॅपी सभी अंचलों के डाटा केन्द्रों में ही रहेगी।
इस डाटा केन्द्र-सह-आधुनिक अभिलेखागार के लिए विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने जिला पदाधिकारियों को प्रति अंचल 20.10 लाख दिए जा रहे हैं। विभाग का कहना है कि इन 534 डाटा केन्द्र-सह-आधुनिक अभिलेखागार के रख-रखाव पर सालाना 9.61 करोड़ खर्च होंगे।
डाटा इंट्री ऑपरेटरों के 2136 पदों पर होगी बहाली
हर माॅडर्न रिकार्ड रूम (डाटा केन्द्र-सह-आधुनिक अभिलेखागार) को चलाने के लिये 4 डाटा इंट्री ऑपरेटराें की बहाली की जानी है। इनकी बहाली के लिए फाइल कैबिनेट में स्वीकृति के लिए भेजा गया है। स्वीकृति के बाद कुल 2136 डाटा इंट्री आॅपरेटर के नियोजन की प्रक्रिया शुरू होगी। इन पदों को बेल्ट्रान से भरा जाना है। हरेक डाटा केन्द्र के लिए 8 कम्प्यूटर, 8 साफ्टवेयर, 4 बहुपयोगी प्रिंटर, 2 स्कैनर, टेबुल, कुर्सी, आलमीरा जैसे उपस्कर और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
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