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हादसे में युवक की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने एनएच 30 पर शव रखकर प्रशासन से मांगा मुआवजा https://ift.tt/3enoazz

रविवार सुबह सड़क दुर्घटना में युवक के मौत के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित भीड़ ने शव को आरा मोहनियां एनएच-30 मुख्य मार्ग पर रख प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और मुआवजे की मांग करने लगे। दो घण्टों तक सड़क जाम रहने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। आक्रोशित लोग अधिकारियों को घटनास्थल पर बुलाने की मांग कर रहे थे। स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि हरेराम यादव, आइसा प्रखंड सचिव कमलेश यादव,सरपंच अरुण राम,माले जिला कमिटी सदस्य विशुन ठाकुर ने जामस्थल पर आक्रोशित लोगों को समझाया।

मुखिया प्रतिनिधि नेा प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी जयराम सिंह से दूरभाष पर संपर्क करने की कोशिश की गई पर अिधकारी मुख्यालय में मौजूद थे। इससे लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। तब जाकर अनुमंडल पदाधिकारी की पहल पर मृतक के परिजनों को कुल 4 लाख की राशि का चेक एवं 23 हजार रुपये की नगद राशि मुखिया प्रतिनिधि हरेराम यादव द्वारा सौंपा गयी।तब आक्रोशित लोग सड़क से हटे और आवागमन सामान्य हो सका।
खूब लगाए प्रशासन विरोधी नारे, लग गया तीन किलोमीटर तक लंबा जाम
जाम करने वाले ग्रामीणों जमकर प्रशासन विरोधी नारे लगाए। जाम ऐसा कि लगभग तीन किलोमीटर तक आरा-मोहनियां एनएच-30 पर लंबा वाहनों का जाम लग गया। जाम में फंसे हुए लोगों को काफी परेशानी हुई। कई लोग वाहनों को दूसरे रास्ते से घुमाकर लंबी दूरी तय कर घर जाते दिखे। कई लोग जाम हटाने की बात उग्र ग्रामीणों से करते तो उनकी बातों को ग्रामीण अनसुना कर देते थे।

देर रात सड़क हादसे में हुई थी रूदल तुरहा की मौत
बता दे कि शनिवार रात्रि को थानाक्षेत्र के टिकठी ग्राम निवासी स्व.श्याम बिहारी तुरहा के पुत्र रूदल तुरहा अपनी मां कौशल्या कुँवर के साथ मोटरसाइकिल से इसाढ़ी बाजार से वापस अपने गांव टिकठी जा रहे थे तभी बभनियांव एवं हाटपोखर के बीच विपरीत दिशा से जा रहे अज्ञात वाहन ने दोनों को रौंद दिया।आनन फानन में इलाज के लिए ग्रामीणों द्वारा दुलौर के अनुमंडलीय अस्पताल ले जाने के क्रम में रूदल तुरहा की मौत हो गई। मृतक मछली बेचने का कार्य करता था।

इलाज में लापरवाही का भी लगाया आरोप
वहीं अस्पताल प्रशासन पर लोगों ने इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर हंगामा भी किया। पुलिस पहुंची तो मामला शान्त हुआ। वहीं मां गंभीर रूप से जख्मी कौशल्या कुंवर को आरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिसे बाद में आरा से पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया।

पुलिस के नहीं पहुंचने पर लोगों ने नाराजगी जतायी

लगभग 2 घंटे जाम में फंसे लोगों की हालत जहां खराब हो रही थी। वही पुलिस को नहीं पहुंचने पर ग्रामीण आक्रोशित दिखे। जाम होने के कारण देव टोला,पीलापुर, ;इसाढ़ी बाजार,हाटपोखर, नारायणपुर गांव के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जो जाम में फंसे हुए थे। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस को थाने में सुचना जाम की दी गई थी पर पुलिस जामस्थल पर पहुंची ही नहीं। जिसके कारण तीन किलोमीटर तक जाम लग गया। इधर जगदीशपुर थानाध्यक्ष इश्वरानंद पाल ने बताया कि जाम ज्यादा देर नहीं था।

मोबाइल से हमारी बात वहां के लोगों से हो गई थी, इसलिए पुलिस वहां नहीं पहुंची। जाम करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती कोई न कोई जाम करने के लिए उकसाया होगा तभी जाम किया गया था। जाम में शोक संतृप्त परिजनों के दुःख में शामिल रहे आइसा के प्रखंड सचिव कमलेश यादव ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने जामस्थल तक आना भी उचित नहीं समझा। लोगों के परेशानियों से प्रशासन को कोई मतलब नहीं रह गया प्रतीत होता है।

आइसा के प्रखंड सचिव कमलेश यादव ने कहा कि जाम कब से था पर पुलिस का कोई अता-पता नहीं था। मृतक रूदल कुमार मछली बेचकर बाइक से अपने मां के साथ जा रहा था तो यह घटना घटी थी। सड़क जाम में माले जिला कमिटी सदस्य विशुन ठाकुर, सुनील ठाकुर, सरपंच अरूण राम सहित काफी संख्या में ग्रामीण थे।



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After the death of the young man in the accident, angry villagers sought compensation from the administration by placing the dead body on NH 30


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