पीएमसीएच में थैलेसीमिया, हीमोफिलिया, सिकल सेल एनिमिया से पीड़ित बच्चों के लिए डे केयर सेंटर की सुविधा रविवार से बहाल हो गई है। इसका उद्घाटन राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने किया। इन बीमारियों से पीड़ित बच्चों को अब इलाज, जांच अादि के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
शिशु रोग विभाग में रजिस्ट्रेशन के बाद इसी सेंटर में इलाज होगा। बच्चे खून या फैक्टर चढ़वाकर उसी दिन घर लौट सकते हैं। गाइनी विभाग की पांचवीं मंजिल पर सेंटर बनाया गया है। राज्य के अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों के लिए यह ट्रेनिंग सेंटर के रूप में भी कार्य करेगा। इसे राज्य स्वास्थ्य समिति और एडवांस ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा तैयार किया गया है। यहां गर्भवती महिलाओं की भी थैलेसीमिया की जांच कराई जाएगी जिससे पता चले सके कि गर्भ में पलने वाला बच्चा ग्रसित है या नहीं। राज्य का यह पहला डे केयर सेंटर है। यहां बच्चों के खेलने की भी व्यवस्था की गई है।
चार और शहरों में होगी स्थापना
कार्यपालक निदेशक ने कहा कि इसी वित्तीय वर्ष में मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया और गया में भी इस तरह के केंद्र स्थापित किए जाएंगे। शिशु विभाग के हेड डॉ. एके जायसवाल ने कहा कि विश्व में थैलेसीमिया और हीमोफिलिया के मरीज सबसे अधिक भारत में हैं। इस दोनों बीमारी के लक्षणों के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है। ये दोनों बीमारी अनुवांशिक होती हैं। इसलिए गर्भधारण के पहले माता-पिता को अपने संपूर्ण ब्लड प्रोफाइल की जांच करा लेनी चाहिए। मौके पर प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी, अधीक्षक डॉ. विमल कारक मौजूद थे।
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