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मानसून से मुकाबला करेंगे निगम के कमजोर पंप, बंद संंप और नाला बनाने को खोदे गड्‌ढे https://ift.tt/3cYUfMt

पटना इस बार नहीं डूबेगा...ये दावा अब तक 100 से अधिक अफसरों और उनके मातहतों ने किया है। ऐसे में दैनिक भास्कर की टीम ने पटना में जल निकासी की व्यवस्था की सोशल ऑडिट करवाई। पटना को 5 भागों में बांटकर पड़ताल की दूसरी कड़ी में राजेंद्र नगर के बाद कंकड़बाग पहुंची सोशल ऑडिट करने वाली टीम।

टीम में शामिल एनआईटी के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर संजय कुमार, साइंस कॉलेज के प्रोफेसर शंकर कुमार, बिहार राज्य जल पर्षद के पूर्व पीआरओ राजीव, आरटीआई एक्टिविस्ट योगेश कुमार गुप्ता, पटना सिविल सोसाइटी के सचिव डॉ अशोक कुमार और पिछले जलजमाव में बुरी तरह प्रभावित (प्रताड़ित) लोगों ने ताजा स्थिति की पड़ताल की।

कंकड़बाग कॉलोनी में केवल बारिश का पानी समस्या नहीं है। समस्या है ड्रेनेज व सीवरेज का जोड़ और नालों पर बसे घर। बारिश के पानी के साथ घरों तक मलमूत्र भी पहुंचता है। पिछली बार कंकड़बाग में तीन से पांच फीट तक पानी भर गया था। फिर ढेर सारी योजनाएं बनीं, लेकिन वैसी बारिश हुई तो वह योजनाएं भी तैरेंगी।
छोटे नालों की उड़ाही-फ्लो की जांच नहीं हुई, बनेंगे मुसीबत
बाइपास और योगीपुर नाला की उड़ाही होती दिखी। कब्जा हटाया जा रहा है। फ्लो की जांच तो दूर, छोटे नालों और मैनहोल की उड़ाही अभी तक नहीं हुई है। पानी बरसते ही नालों पर दबाव बढ़ेगा, इसका असर सीधे छोटे नालों पर पड़ेगा। अगर उनका बहाव सही नहीं हुआ तो मुहल्लों से पानी निकालना मुश्किल हो जाएगा। एनबीसीसी नाला और एनआरएल पेट्रोल पंप के पीछे वाले इलाके में नाला उड़ाही का काम पूरा नहीं हुआ है।
कब्जा हटा नहीं, नया संप हाउस और अस्थायी ड्रेनेज बना नहीं
योगीपुर नाला से कब्जा हटा, लेकिन, कंकड़बाग टेम्पो स्टैंड से योगीपुर संप हाउस तक अंडरग्राउंड नाला के ऊपर दोबारा कब्जा हो चुका है। इसके अलावा बाइपास नाला से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। नाला उड़ाही कार्य के दौरान लोगों के विरोध के कारण अतिक्रमण नहीं हट पाया। अभियान के जरिए उन्हें हटाया जा रहा है। इसका सिल्ट उठाना भी बड़ी समस्या होगी। कुम्हरार श्रीनगर कॉलोनी के पास अस्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन अब तक बनकर तैयार नहीं हो पाया है। टीवी टावर संप हाउस के पास ही नया संप हाउस भी अब तक नहीं बन पाया है। ऐसे में मुहल्लों के पानी का मुख्य नाला के जरिए निकलना अब भी मुश्किल है।

गंगा भवन संप हाउस में 2010 तक काम हुआ

विशेषज्ञों की टीम गंगा भवन संप हाउस पहुंच चाैंकी। उन्होंने कहा कि गंगा भवन संप हाउस को अगर चालू कर दिया जाए तो स्थिति सुधर सकती है। कंकड़बाग में बारिश के पानी और सीवेज की अलग-अलग लाइन बनाई गई। सीवेज को ट्रीट कर शहर से बाहर पानी निकालने के लिए गंगा भवन संप हाउस में वर्ष 1976 में 40 एचपी का पंप लगाया गया। 2006 में यहां 40 एचपी का एक और पंप लगा। वर्ष 2010 में इस संप हाउस में काफी काम किया गया। 125 एचपी की क्षमता के दो पंप यहां लगाए गए, लेकिन इस पंप हाउस को चलाया नहीं गया। बारिश का पानी निकालने के लिए बने योगीपुर संप हाउस से सीवेज नेटवर्क को जोड़ दिया गया। इससे ही परेशानी बढ़ती चली गई।

वार्ड पार्षद ने कहा : बुरा हाल है, कहीं सुनवाई नहीं
वार्ड 34 के पार्षद कुमार संजीत बबलू का कहना है कि कंकड़बाग में चारों तरफ से पानी आता है। एक तरफ अशोक नगर जीरो प्वाइंट संप हाउस की स्थिति वर्तमान समय में आने वाले पानी को ही नहीं निकालने की है और दूसरे इलाकों से पानी यहां लाया जाना है। इससे एक बार फिर कॉलोनी के एलआईजी, एमआईजी, रेंटल फ्लैट, लोहिया नगर जैसे इलाकों में लोगों को जलजमाव जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। किसी स्तर पर सुनवाई ही नहीं हो रही।

चार नाले निर्माणाधीन, पोस्टल पार्क से अशोकनगर के बीच वाले डरे हुए हैं

कंकड़बाग में अभी नगर निगम रामलखन पथ मंदिर से रामदेव मंदिर होते हुए डिफेंस कॉलोनी मेन रोड होते हुए अशोक नगर जीरो प्वाइंट संप हाउस तक एक बॉक्स नाला का निर्माण करा रहा है। दूसरा नाला रामविलास चौक से संजय नगर, जगदंबा स्वीट्स होते हुए रामदेव मंदिर तक भूगर्भ नाला, तीसरा नाला रामविलास चौक, इंदिरा नगर, पोस्टल पार्क, सब्जी मंडी, जवाहर कॉलोनी रोड नंबर 1, अशोक नगर रोड नंबर 1 होते हुए अशोक नगर जीरो प्वाइंट तक और चौथा नाला जक्कनपुर थाना के सामने से रामनगर, पोस्टल पार्क मेन रोड में चांदमारी रोड, चौराहा से एनबीसीसी नाला तक नाला का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण के कारण हुई खुदाई से इस बार भी पोस्टल पार्क से अशोक नगर के बीच के आजाद नगर व अशोक नगर के विभिन्न मुहल्लों में जलजमाव का खतरा है। इसी प्रकार बाइपास की तरफ से आने वाले मुहल्लों में भी डर की स्थिति मानसून की खबर के साथ ही बनी हुई है।

जलजमाव और डेंगू ने महीनाभर रखा था कैद

सितंबर 2019 में हुई बारिश के बाद जिस प्रकार का जलजमाव मैंने झेला, वैसा मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं झेला। मुझे इस जलजमाव ने एक माह तक घर में कैद होना पड़ गया। 15 दिनों तक बारिश के पानी ने घर में कैद होने पर मजबूर किया तो 15 दिनों तक मुझे डेंगू ने घर में कैद होने पर मजबूर कर दिया। जलजमाव के कारण इलाके में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया था। कंकड़बाग के हर इलाके में घरों में पानी घुसा था। यही स्थिति मेरे घर की थी। मेरी 500 से अधिक किताबें और बेशकीमती सामान इस बारिश के पानी से खराब हो गए थे। महिला मरीजों की परेशानी का अंदाजा कोई भी लगा सकता है। किसी के बच्चे का जन्म हुआ था तो कोई गर्भ की अंतिम अवस्था में परेशान थीं। मरीजों को राहत देने की वैसी कोशिश भी कभी नहीं करनी पड़ी थी। घर में सभी डॉक्टर हैं और हरेक से जुड़े मरीज परेशान रहे।

पिछली बार बंद हुए संप हाउस की क्षमता नहीं बढ़ी

अशोक नगर जीरो प्वाइंट संप हाउस पर 200 एचपी का एक, 100 एचपी के दो और 50 एचपी के दो पंप लगे हैं। इसमें से एक मरम्मत में है, हालांकि संप हाउस की क्षमता नहीं बढ़ाई गई कि सभी पंप एक साथ चल सकें। पिछली बारिश में इस संप हाउस ने काम करना बंद कर दिया था। 100 मिलीमीटर बारिश के बाद पंप हाउस पर हर घंटे करीब 13 हजार घन मीटर पानी आता है, जबकि 4000 घन मीटर ही निकासी हो सकती है। टीवी टावर संप हाउस के पंप को ऊंचा उठाने और बहादुरपुर संप हाउस पर प्रवेश द्वार को ऊंचा करने की भी योजना अटकी हुई है।

वार्ड पार्षद ने कहा : बुरा हाल है, कहीं सुनवाई नहीं
वार्ड 34 के पार्षद कुमार संजीत बबलू का कहना है कि कंकड़बाग में चारों तरफ से पानी आता है। एक तरफ अशोक नगर जीरो प्वाइंट संप हाउस की स्थिति वर्तमान समय में आने वाले पानी को ही नहीं निकालने की है और दूसरे इलाकों से पानी यहां लाया जाना है। इससे एक बार फिर कॉलोनी के एलआईजी, एमआईजी, रेंटल फ्लैट, लोहिया नगर जैसे इलाकों में लोगों को जलजमाव जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। किसी स्तर पर सुनवाई ही नहीं हो रही।

मेयर तो कह रहीं : नाले इतने साफ कि जमीन दिखेगी
मेयर सीता साहू का दावा है कि बाइपास नाला की उड़ाही की रणनीति तैयार की गई और उसे पूरा कराया गया है। 90 फीसदी से अधिक कार्य पूरा करा लिया गया है। बचे कार्य को अगले चार से पांच दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। नगर निगम प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। अब आप बाइपास नाला का निरीक्षण करेंगे तो आपको जमीन दिखाई देगी। नाला के तमाम अवरोधों को दूर किए जाने के बाद पानी आसानी से निकल रहा है।
नगर आयुक्त का दावा: जल्दी पूरा कराएंगे नाले भी
नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा का कहना है कि नाला निर्माण के बचे कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है। नालों की सफाई करा ली गई है। बाइपास के किनारे कच्चे नाले की खुदाई भी लगभग पूरी हो चुकी है। इस बार स्थिति बेहतर रहने की उम्मीद है। लोगों को किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए हर तरह की मशक्कत की जा रही है। नालों के काम में और तेजी लाने के लिए निगरानी की जा रही है।



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गंगा भवन संप हाउस में 2010 तक काम हुआ- समाधान पहले से मौजूद, उसे बंद देख चौंके एक्सपर्ट


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