एनएमसीएच में भर्ती दाे कोरोना पॉजिटिव मरीजाें की गुरुवार काे मौत हो गई। अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने बताया कि दोनों मरीज गंभीर स्थिति में भर्ती हुए थे। मसौढ़ी के 66 वर्षीय रामजी साव को 27 जून को भर्ती कराया गया था। उन्हें कोरोना के साथ-साथ बीपी की तकलीफ भी थी। उन्हें एम्स से रेफर किया गया था।
वहीं भोजपुर के 75 वर्षीय अंशुल हक को 29 जून को भर्ती कराया गया था। उन्हें किडनी की बीमारी थी। एनएमसीएच में अबतक कोरोना संक्रमित 21 मरीजों की मौत हो चुकी है। उधर संदिग्ध मरीज के रूप में भर्ती 45 साल के नालंदा के एक युवक की भी मौत हो गई। कोरोना जांच के लिए उसका सैंपल भेजा गया है। अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।
अस्पताल प्रशासन ने की पुष्टि: उधर, पटना एम्स में गुरुवार को एक कोरोना संक्रमित मरीज 54 साल की मीरा चौधरी की मौत हो गई। मीरा मुजफ्फरपुर की रहने वाली थीं। इसके अलावा एक संदिग्ध मरीज की मौत हो गई। 57 साल के रमाकांत शर्मा पटेल नगर के रहने वाले थे। इसकी पुष्टि पटना एम्स में कोरोना के नोडल आफिसर डॉ. संजीव कुमार ने की।
पटना हाईकोर्ट कैंपस में भी कोरोना की दस्तक
पटना हाईकोर्ट का एक स्टाफ गुरुवार को कोरोना संदिग्ध पाया गया। वह ए.डी.मिसलेनियस सेक्शन में काम करते हैं। उनको तत्काल होम क्वारेंटाइन किया गया। कोरोना टेस्ट कराया गया है। रिपोर्ट एकाध दिन में आएगी। वह हाल में बैकठपुर मंदिर में एक शादी समारोह में शामिल हुए थे। फिर उनकी तबीयत खराब हुई।
उनकी परेशानी, कोरोना के लक्षणों से मिलती-जुलती है। जैसे ही इसकी सूचना हाईकोर्ट प्रशासन को मिली, कोर्ट कैंपस में हड़कंप सा मच गया। कोर्ट कर्मी खुद को इस संक्रमण से बचाव का उपाय करते दिखे। कोर्ट प्रशासन पूरे कैंपस को सैनेटाइज कराने की कार्रवाई कर रहा है। हालांकि, इस बात को लेकर कोई नोटिस जारी नहीं की गई।
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