बच्चों को एमडीएम खाद्यान्न वितरण में पिछड़े 8 जिलों के डीईओ व डीपीओ (एमडीएम) को शिक्षा विभाग ने नोटिस भेजा है। मुजफ्फरपुर, दरभंगा मधुबनी, कटिहार, सहरसा, सीवान सीतामढ़ी व भोजपुर के शिक्षा अधिकारियों से तीन दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है। इन जिलों में मात्र 1 से 8 प्रतिशत ही खाद्यान्न वितरण हो सका है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने पत्र भेज कर कहा है कि मिड डे मील योजना की समीक्षा में पाया गया है कि आपके जिलों में खाद्यान्न वितरण संतोषजनक नहीं है। वितरण में सुधार के लिए एमडीएम निदेशक व अन्य अधिकारियों ने भी बात की। बावजूद स्थिति में सुधार नहीं है। एमडीएम मामले पर उच्च न्यायालय, राष्ट्रीय मानवाधिकार व राज्य मानवाधिकार ने स्वत: संज्ञान लिया है।
इन जिलों से मांगा स्पष्टीकरण: मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, कटिहार, सहरसा, सीवान, सीतामढ़ी व भोजपुर डीईओ व डीपीओ
- भोजपुर के 1898 स्कूलों में नामांकित 383106 बच्चों में 573 स्कूलों के 27550 बच्चों को खाद्यान्न दिया गया है।
- दरभंगा के 2436 स्कूलों में नामांकित 629846 बच्चों में 302 स्कूलों के 14884 बच्चों को खाद्यान्न मिला है।
- कटिहार के 2011 स्कूलों में नामांकित 618858 बच्चों में 960 स्कूलों के 48506 बच्चों को खाद्यान्न मिला है।
- मधुबनी के 3012 स्कूलों में नामांकित 886952 बच्चों में 272 स्कूलों के 20121 बच्चों को खाद्यान्न मिला।
- मुजफ्फरपुर के 3045 स्कूलों में नामांकित 753782 बच्चों में 632 स्कूलों के 44224 बच्चों को खाद्यान्न दिया गया है।
- सहरसा के 1285 स्कूलों में नामांकित 373793 बच्चों में 312 स्कूलों के 18270 बच्चों को खाद्यान्न मिला है।
- सीतामढ़ी के 2016 स्कूलों में नामांकित 696146 बच्चों में 530 स्कूलों के 42045 बच्चों को खाद्यान्न मिला है।
- सीवान के 2114 स्कूलों में नामांकित 420230 बच्चों में 285 स्कूलों के 3228 बच्चों को खाद्यान्न दिया।
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